asd मुख्यमंत्री जी ओैर मंडलायुक्त दें ध्यान! गलत हुए मानचित्र पास, शिकायतों का हुआ फर्जी निस्तारण असुनियोजित विकास और जाम के लिए मेडा के अधिकारी हैं जिम्मेदार दो साल में पास हुए नक्शों और शिकायतों के निस्तारण की कराई जाए जांच

मुख्यमंत्री जी ओैर मंडलायुक्त दें ध्यान! गलत हुए मानचित्र पास, शिकायतों का हुआ फर्जी निस्तारण असुनियोजित विकास और जाम के लिए मेडा के अधिकारी हैं जिम्मेदार दो साल में पास हुए नक्शों और शिकायतों के निस्तारण की कराई जाए जांच

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प्रदेश के ज्यादातर शहरों में यह सुनने को मिलता है कि अवैध निर्माण इसलिए बढ़ रहे हैं कि संबंधित विभागों के अधिकारी मानचित्र पास कराने का मन रखने वालों को विभिन्न तरीकों से हतोत्साहित कर बिना नक्शे के निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ऐसी राय रखने वालों का मानना है कि उन्हें निर्माणकर्ताओं से मुंह मांगी सुविधाएं उपलब्ध होती है। इसमें कितनी सच्चाई है यह तो कहने वाले ही जाने मगर बीते दिनों मेरठ शहर के पुराने इलाके में घर तोड़कर हुए कॉम्पलैक्स के निर्माण और छोटी दुकाने बनाकर विभिन्न कार्यों में लगे कारीगरों को लेकर जो पर्यावरण संतुलन बिगाड़ने का काम और अवेैध निर्माण किए गए हैं उसे लेकर एक सूचना कार्यकर्ता द्वारा अदालत में मामला दायर किया है। बीते दिवस उसकी सुनवाई थी उसमें क्या हुआ यह तो पता नहीं चल पाया मगर यह बात सुनने को मिलती है कि अवैध निर्माण को विभाग के कुछ लोग ही बढ़ावा देते हैं।
इस बारे में एक नागरिक का यह कहना तर्क संगत लगा कि पिछले दो साल में जितने रिहायशी फलैटों कॉम्पलैक्सों और दुकानों के नक्शे मेडा ने पास किए उनकी सीएम और मंडलायुक्त जांच करा लें तो ज्यादातर पास नक्शे गलत तथ्यों के आधर पर फर्जी पत्रावली लगाकर पास किए गए हो सकते हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जिन निर्माणों की सीएम के जन शिकायत पोर्टल पर शिकायतें की गई उनमें भी मेडा के अधिकारियों ने ज्यादातर में फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले का निस्तारण कर सीएम और सरकार को गुमराह किया। इसके उदाहरण के रूप में शिकायतों के निस्तारण की फाइलें निकलवाकर निरीक्षण किया जाए तो कई अधिकारी जेल जा सकते हैं जैसे पूर्व में मंडलायुक्त प्रभात कुमार द्वारा एक इंजीनियर को अपने कार्यालय में बुलाकर गिरफ्तार कराया गया था।
मुख्यमंत्री जी और मंडलायुक्त जी अवैध निर्माण रोकने के नियम का पालन कराना है तो उपर दिए तथ्यों एवं पास हुए नक्शों पोर्टल पर शिकायतों के निस्तारण की पत्रावलियों व निर्माण की मौके पर जांच कराई जाए तो पता चलेगा कि असुनियोजित विकास और जाम की समस्या को इस विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी से बढ़ावा मिल रहा है।

(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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