मुख्यमंत्री जिस हिसाब से सरकार जनहित की सोच को लेकर समस्याओं के समाधान, सब भयमुक्त वातावरण में सांस लें और अपने कार्यों को निस्तारण कराने की व्यवस्था कराई जा रही है। उसके लिए बजट का बड़ा हिस्सा विभागों को दिया जा रहा है उसके बावजूद महिलाओं से छेडछाड दुष्कर्म चीनी मांझे से कट गई गर्दन हिंसक जानवरों के हमले में गई जान टूटी सड़कें बनी दुर्घटना का कारण, प्रतिबंध के बावजूद बाजारों में चल रही ई रिक्शा बन रही दुर्घटना का कारण लेकिन इन पर रोक के सभी प्रयास क्यों असफल हो रहे हैं यह देखना सबसे जरूरी आवश्यकता समझ में आ रही है।
मुख्यमंत्री जी वर्तमान में सड़क सुरक्षा सप्ताह तो मनाया जा रहा है लेकिन आपके आदेशों के बाद भ्ीा सड़कों के गडढे नहीं भरे गए। लोहा और कांच से बने मांझे से नागरिकों की गर्दन कट रही है लोग मर भी रहे हैं लेकिन पुलिस रोकथाम करने में सफल नहीं है इसी प्रकार छेडछाड़ की घटनाएं भी कम नहीं हो रही है। मुजफफरनगर में लड़की से छेडछाड़ के विरोध में छात्राओं को कोतवाली पर प्रदर्शन करना पड़ा। बाजारों में ई रिक्शा प्रतिबंधित की गई है लेकिन उसका कोई असर नजर नहीं आता। जब थानेदार चीनी मांझे की बिक्री रोकने में ई रिक्शा बाजारों में चलने से रोकने बढ़ते साईबर अपराध पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं तो बड़े अपराध कैसे रोक पाएंगे। इस पर भी सोचा जाना चाहिए। पूर्व में सड़क परिवहन मंत्री के कथन की विदेशों में होने वाले सम्मेलनों में मुंह छिपाना पड़ता है जैसे बातों की पुनरावृति रोकने के लिए सड़कों के गडढे भरने में नाकाम इंजीनियरों पर अंकुश नहीं लगेगा तब तक स्थिति में सुधार नहीं होगा।
सीएम साहब आम आदमी की इस बात से मैं भी सहमत हूं कि सुधार की बयार चलानी है तो थानेदारों सहित सभी विभागों के अधिकारियों की निरंकुशता पर लगाम तो लगानी पड़ेगी वरना छेडछाड के आरोपियों की गिरफतारी ना होने पर छात्राओं के थाने पर प्रदर्शनाओं की नौबत नहीं आनी चाहिए और जो थानेदार छोटे अपराध नहीं रोक पा रहे वो बड़ी घटना कैसे रोक पाएंगे इसलिए अब समय आ गया है कि हर अधिकारी की गुणवत्ता परखकर उसे जिम्मेदारी दी जाए जिससे आम आदमी का विश्वास मजबूत हो और वो सरकार के साथ खड़ा हो सके।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
मुख्यमंत्री जी चीनी मांझे की बिक्री ई रिक्शा का प्रतिबंधित क्षेत्रों में आना जाना और छेड़छाड़ रोकने में असफल थानेदारों के विरूद्ध ?
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