Date: 23/12/2024, Time:

चारधाम यात्रा: 31 मई तक नहीं होंगे वीआईपी दर्शन, रील बनाना प्रतिबंधित

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देहरादून 17 मई। चारधाम यात्रा में लगातार बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी अब तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। सभी श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि जिस तारीख का रजिस्ट्रेशन है, उसी समय यात्रा पर निकलें। अगर वो पहले आते हैं तो उन्हें वापस भेज दिया जाएगा। इस बार चारधाम यात्रा में किसी भी श्रद्धालु को मोबाइल फोन मंदिर में ले जाने की अनुमति नहीं दी गई है।

प्रदेश की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में कहा है कि शुरूआती दिनों में ही पवित्र धामों में श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित संख्या को देखते हुए भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था नहीं करने का निर्णय लिया गया है।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों से चारों धामों में मंदिर परिसरों की 50 मीटर की परिधि में सोशल मीडिया के लिए वीडियो तथा रील बनाए जाने को प्रतिबंधित करने के आदेश भी दिए। इस संबंध में उन्होंने कहा कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनाई जा रही है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है। इस बीच, हरिद्वार और ऋषिकेश में श्रद्धालुओं के पंजीकरण के लिए बनाए गए ऑफलाइन काउंटर को 19 मई तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

रतूड़ी ने बुजुर्गों तथा पहले से गंभीर बीमारी से पीड़ित श्रद्धालुओं को यात्रा शुरू करने से पहले अपना परीक्षण करवाने तथा उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। उन्होंने राज्यों के मुख्य सचिवों से आग्रह किया कि वे अपने यहां इस सूचना को लोगों तक पहुंचाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि बहुत ज्यादा संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए आ रहे हैं। इस दौरान कई लोग ऐसे भी पहुंच रहे हैं जो आस्था के कारण नहीं, बल्कि केवल घूमने के लिए आ रहे हैं। उनकी कुछ हरकतों की वजह से लोगों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। इस बात का विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि यहां आस्था को कोई ठेस न पहुंचे। धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए सारी व्यवस्था की गई है। हम सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र भेज रहे हैं कि कोई श्रद्धालु अपंजीकृत वाहन में या अपंजीकृत तरीके से न आएं। बता दें कि अभी तक 27,92,679 श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।

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