देहरादून 27 मार्च। उत्तराखंड में 30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा में इस बार वीडियो रील बनाने वालों और यूट्यूबर्स की एंट्री रोकने की तैयारी है। केदारनाथ-बद्रीनाथ पंडा समाज ने तय किया है कि इस बार मंदिर परिसर में इन्हें नहीं आने देंगे। यदि कोई ऐसा करता मिला तो बिना दर्शन उसे लौटा दिया जाएगा। इस बारे में प्रशासन को भी बता दिया गया है।
केदारनाथ सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने भास्कर को बताया कि पिछले साल रील बनाने वालों के चलते काफी अव्यवस्था फैली थी। समुद्र तल से 12 हजार फीट ऊपर केदारनाथ धाम में ढोल नगाड़ों का शोर सिर्फ रील बनाने के लिए किया गया था।
यात्रा शुरू होने के बाद 10 से 12 दिन तक पूरी शिवालिक पर्वतमाला में यह शोर गूंजता रहा। यहां की प्रकृति के लिए यह शोर ठीक नहीं है। इसलिए इस बार कैमरा ऑन भी नहीं करने देंगे।
इसी तरह, पैसे देकर वीआईपी दर्शन की व्यवस्था भी धामों पर बंद रहेगी। बद्रीनाथ धाम के पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया ने कहा है कि पैसे लेकर दर्शन करवाना भगवान की मर्यादा के खिलाफ है।
इस साल 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चार धाम यात्रा की शुरुआत होगी। इसी दिन सबसे पहले मां गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।
आखिर में 4 मई को विधि-विधान से भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके साथ ही पूर्ण रूप से चार धाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी।
चारधाम यात्रा के दौरान खराब मौसम व विपरीत हालात में यात्रियों को रोकने के लिए 10 जगहों पर होल्डिंग स्थल बनाए जा रहे हैं। यह स्थल हरिद्वार,ऋषिकेश, ब्यासी, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग, हरबटपुर, विकासनगर, बड़कोट और भटवाड़ी में होंगे। यहां पानी, शौचालय, रात बिताने के लिए बिस्तर, दवाएं और खाने की इमरजेंसी व्यवस्था रहेगी।
पूरे यात्रा मार्ग को 10-10 किलोमीटर के सेक्टरों में बांटा है। हर सेक्टर में 6 पुलिसकर्मी होंगे। वह बाइक पर तैनात रहेंगे, जिससे यात्रियों को परेशानी के समय तुरंत मदद मिल सके। अगर मौसम खराब होता है, तो यात्रियों को राहत देने के लिए 10 जगहों पर होल्डिंग स्थल बनाए गए हैं। यहां पर खाने-पीने और दूसरी जरूरी चीजें मिलेंगी।
पर्यटन विकास परिषद रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट के अलावा मोबाइल नंबर, वॉट्सएप और टोल फ्री नंबर भी जारी करेगा। इस पर कॉल कर आप अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। यात्रा शुरू होने के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू होगी।