आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि लोकसभा में क्रांतिकारियों व कांशीराम को भारत रत्न देने एवं सेना में गुर्जर रेजिमेंट बनाने की मांग उठाएंगे। अनुसूचित रेजिमेंट ने बर्मा के युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। वक्फ संसोधन विधेयक को मुस्लिम विरोधी करार देते हुए कहा कि दरगाह व धर्मस्थलों पर चलने वाले बुल्डोजरों के खिलाफ भीम आर्मी ने आवाज बुलंद की है। मवाना के मैदान में गत दिवस आयोजित सदभावना सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दलों की दलदल से निकल सत्ता तक पहुंचने का वक्त आया है। भाईचारा कायम कर आजाद समाज पार्टी मेरठ में जिला पंचायत अध्यक्ष अपनी पार्टी का बनाएगी। उन्होंने कहा कि लड़ाई जात पात की नहीं रोटी कपड़ा मकान की है। हमें इसी मुददे को लेकर आगे बढ़ते हुए चलना है। उन्होंने कहा कि मेरठ में पहले समाज की बारातें रोकी जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर द्वारा दिए गए समानता के अधिकार से ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। अपनी सभा मंे अगर ध्यान से देखें तो उन्होंने जो शब्द दोहराये वो महत्वपूर्ण है। क्योंकि राजनीति की दलदल से निकलकर सर्व समाज की सोच के साथ सम्मान से रहने के लिए प्रयास किए जाएं तो वो सबके हित में होगा। उनका यह कथन भी सही है कि लड़ाई जात पात की नहीं रोटी कपड़ा मकान की है। अगर यह बात हमारे मतदाता समझ लें तो रहे किसी के भी साथ उन्हें उनके अधिकार दिलाने से कोई नहीं रोक सकता। क्योंकि भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के बारे में कोई कुछ भी कह ले लेकिन वो सर्व समाज के हित की सोचने वाले महापुरूष थे और संविधान में भी उनके द्वारा ऐसी ही सोच को समाहित किया गया होगा क्योंकि बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन चर्चा रहती है कि बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के जीवन में सवर्ण जाति से संबंध एक व्यक्ति का बड़ा योगदान रहा और उसी का नाम उन्होंने अपने साथ जोड़ा। इसलिए ना तो वो जातिवादी कहे जा सकते हैं और ना ही उनकी सोच को कोई गलत कह सकता है। यही बात सांसद चंद्रशेखर ने जनसभा में कही कि लड़ाई जात पात की नहीं रोटी कपड़ा मकान की है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
सही बोले चंद्रशेखर: लड़ाई जात पात की नहीं रोटी कपड़ा मकान की है, देश के लिए कुछ करने वाले हर महापुरूष को मिलना चाहिए भारत रत्न
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