नई दिल्ली 26 सितंबर। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कुछ ऐसी दवाइयां का खुलासा हुआ है, जो इलाज के लिए आमतौर पर इस्तेमाल होती है. पैरासिटामॉल सहित 53 दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल पाई गई हैं। हालांकि, ये दवाएं क्वालिटी चेक में फेल हो गई हैं. इनमें कुछ ऐसी दवाएं शामिल हैं, जो अमूमन लोग इस्तेमाल करते हैं. इनमें पैरासिटामोल, कैल्शियम और विटामिन डी की टैबलेट्स भी शामिल हैं.
क्वालिटी चेक में ये दवाएं फेल
सीडीएससीओ ने जिन दवाइयों को फेल बताया है, उनमें पैंटोसिड टैबलेट भी शामिल है. यह दवा एसिड रिफ्लक्स के इलाज के लिए इस्तेमाल होती है. यह दवा सनफार्मा कंपनी बनाती है. इसके अलावा कैल्शियम और विटामिन डी की गोली भी क्वालिटी चेक पास नहीं कर पाई हैं. वहीं, शेलकल और पुल्मोसिल इंजेक्शन भी क्वालिटी चेक में फेल हो गए हैं. ये हाई ब्लडप्रेशर के इलाज में इस्तेमाल होते हैं. साथ ही, अल्केम हेल्थ साइंस के एंटीबायोटिक क्लेवम 625 भी दवा परीक्षण में विफल रही.
सीडीएससीओ ने फर्जी, मिलावटी और गलत ब्रांडिंग वाली दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों, टीकों और सौंदर्य प्रसाधनों की लिस्ट जारी की है. इनमें पल्मोसिल (सिल्डेनाफिल इंजेक्शन), पैंटोसिड (पैंटोप्राजोल टैबलेट आईपी), उर्सोकोल 300 (अर्सोडियोक्सीकोलिक एसिड गोलियां भारतीय फार्माकोपिया) शामिल हैं. इसके अलावा उर्सोकोल 300 टैबलेट का सैंपल भी फेल हुआ है, जो पित्ताशय की पथरी के इलाज में इस्तेमाल होती है. वहीं, लिवर की कुछ बीमारियों के इलाज में भी यह इस्तेमाल की जाती है. यह दवाई सन फार्मा कंपनी की है. टेल्मा एच (टेल्मिसार्टन 40 मिलीग्राम और हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड 12.5 मिलीग्राम टैबलेट आईपी), डेफ्लाजाकोर्ट टैबलेट (डेफकोर्ट 6 टैबलेट) भी परीक्षण में विफल रही.
जानकारी के मुताबिक, इसके अलावा मानक गुणवत्ता में सही नहीं पाए जाने वाली 48 दवाइयों की लिस्ट भी सीडीएससीओ ने जारी की है. इसके साथ ही जिन कंपनियों ने ये दवाइयां बनाई हैं, उन्होंने इस पर अपने बयान जारी कर दिए हैं.
केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक एमाइलेज, प्रोटीएज, ग्लूकोएमाइलेज, पेक्टिनेज, अल्फा गैलेक्टोसिडेज, लैक्टेज, बीटा-ग्लूकोनेज, सेल्युलेस, लाइपेज, ब्रोमेलैन, जाइलेनस, हेमिकेल्यूलेस, माल्ट डायस्टेज, इनवर्टेज और पापेन के इस्तेमाल से इंसानों को खतरा होने की आशंका है।
बैन की गई दवाओं की लिस्ट में हेयर ट्रीटमेंट, एंटीपैरासिटिक (परजीवियों के इन्फेक्शन में इस्तेमाल), स्किनकेयर, एंटी-एलर्जिक के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी शामिल हैं। सरकार ने कहा इन दवाओं के बदले दूसरी दवाएं मार्केट में उपलब्ध हैं। उन पर कोई रोक नहीं रहेगी।