asd बिजली निजीकरण के खिलाफ आंदोलन से जुड़े दो अभियंताओं पर मुकदमा, 16 रडार पर

बिजली निजीकरण के खिलाफ आंदोलन से जुड़े दो अभियंताओं पर मुकदमा, 16 रडार पर

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लखनऊ 28 जून। शासन के निर्देश पर विजिलेंस ने बिजली विभाग के दो अभियंताओं के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। जबकि पांच अन्य के खिलाफ जल्द ही रिपोर्ट दर्ज होने की आशंका है। इसके अलावा भी करीब 11 अभियंता रडार पर हैं। दूसरी तरफ अभियंताओं ने इसे निजीकरण के विरोध से जोड़ा है। उन्होंने पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल की संपत्तियों की भी जांच कराने की मांग की है।

मार्च 2023 में हुई हड़ताल के बाद करीब डेढ़ दर्जन अभियंताओं व आंदोलन से जुड़े अन्य कार्मिकों के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच कराई गई। फिर सात कार्मिकों की सूची बनी। 16 अगस्त 2023 को शासन ने ठाकुरगंज वितरण खंड में सहायक अभियंता जितेंद्र सिंह गुर्जर की संपत्तियों की जांच का आदेश विजिलेंस को दिया था। जांच में सामने आया कि उन्होंने अपनी आय के समस्त वैध स्रोतों से 66,02,421 रुपये अर्जित किए, जबकि संपत्तियों को खरीदने और भरण-पोषण पर 75,88,087 रुपये व्यय किए। इस तरह उन्होंने अपनी आय से 12,52,666 रुपये अधिक व्यय किए।

इस बाबत जवाब-तलब करने पर वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जिसके बाद विजिलेंस ने शासन को रिपोर्ट देकर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। इसी तरह उस वक्त चौक में और वर्तमान में उन्नाव में तैनात अभियंता जय प्रकाश भारतीय की संपत्तियों की खुली जांच का आदेश 29 मार्च 2023 को शासन ने दिया था। जय प्रकाश जूनियर इंजीनियर्स संगठन के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष हैं। जांच में पता चला कि उन्होंने अपनी आय के सभी वैध स्रोतों से 1,07,52,999 रुपये अर्जित किए, जबकि संपत्तियों को खरीदने एवं भरण पोषण पर 1,46,12,333 रुपये व्यय किए। विजिलेंस ने जब उनसे इस अंतर के बारे में पूछा तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। जिसके बाद शासन से अनुमति लेकर उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।

धमकी से नहीं झुके तो दर्ज कराई रिपोर्ट
मार्च 2023 में हुई हड़ताल के दौरान सतर्कता जांच कराई गई थी। महापंचायत के दिन शीर्ष प्रबंधन ने धमकी दी थी कि सहयोग करो अन्यथा बड़ी कार्रवाई होगी। रिपोर्ट दर्ज कराकर बड़ी कार्रवाई कर दी गई है। लेकिन हम झुकेंगे नहीं। निजीकरण किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। उत्पीड़न की दृष्टि से मनगढ़ंत एवं आधारहीन बिना हमारा पक्ष सुने एक तरफा प्राथमिक की दर्ज कराई गई है। हम इन कार्रवाइयों से डरने वाले नहीं हैं।- जितेंद्र सिंह गुर्जर, महासचिव, राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ ।

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