अलीगढ़ 19 मार्च। शिक्षा विभाग में वर्ष 2003 से 2013 के बीच शिक्षकों के सामान्य भविष्य निधि (GPF) खातों में बड़ा घोटाला सामने आया है. इस घोटाले में 520 शिक्षकों के नाम पर डमी खाते खोलकर 5 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की गई. मामले की जांच के बाद अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के निर्देश पर बीएसए डॉ. राकेश कुमार सिंह ने मंगलवार को 11 बीएसए समेत 61 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. उन्होंने इसकी पुष्टि भी कर दी है.
जांच में सामने आया कि 2003 से 2013 के बीच 520 शिक्षकों के नाम पर फर्जी खाते खोले गए. इन खातों में कुल 4 करोड़ 92 लाख 39 हजार 749 रुपये का लेन-देन किया गया. दिलचस्प बात यह है कि इनमें से कई शिक्षक खुद इस मामले से अनजान थे. वे न तो अपने खातों में पैसे जमा करवाते थे और न ही बीएसए कार्यालय जाकर इसकी जानकारी लेते थे. कुछ मामलों में जब शिक्षकों के खातों में पैसे आ भी जाते तो कार्यालय के कर्मचारी उनसे संपर्क कर यह कहकर पैसे वापस ले लेते थे कि यह गलती से क्रेडिट हो गया है. वहीं, कई डमी खातों के माध्यम से आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों ने पैसा निकालकर निजी उपयोग में ले लिया.
घोटाला तब उजागर हुआ, जब टप्पल के शिक्षक जगदीश प्रसाद के खाते में 35 बार में कुल 34 लाख रुपये भेजे गए. जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई तो मामला खुला और जांच शुरू हुई. जांच में सामने आया कि अधिकारियों और पटल लिपिकों ने हेराफेरी को छिपाने के लिए कई दस्तावेज गायब कर दिए थे. जांच में कई अनियमितताएं सामने आई, जिसमें ऋण नहीं घटाया गया, लेजर पृष्ठ गायब मिले, ऋण की प्रविष्टि दर्ज नहीं की गई, चेक नंबर रजिस्टर में दर्ज नहीं किए गए, भुगतान की गई राशि का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. इन अनियमितताओं के चलते दो बाबुओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था.
घोटाले के खुलासे के बाद जिला स्तर पर जांच हुई, जिसके बाद शासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया. 4 फरवरी 2025 को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की गई. शासन के निर्देश पर थाना बन्ना देवी में मुकदमा दर्ज कराया गया है.
2003 से 2013 के बीच अलीगढ़ में तैनात रहे 11 बीएसए, वित्त एवं लेखा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, जीपीएफ पटल सहायक कर्मचारी, परिषदीय शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, जीपीएफ भुगतान चेक देने वाले पटल सहायक, और लाभार्थी शिक्षक समेत कुल 61 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
घोटाले के दौरान दिनेश सिंह, पुष्पा सिंह, मोहम्मद अल्ताफ अंसारी, मनोज कुमार, डॉ. मुकेश कुमार, एम.पी. वर्मा, महेंद्र प्रताप सिंह, एस.पी. यादव, संजय शुक्ला, धीरेंद्र कुमार यादव, और डॉ. लक्ष्मीकांत पांडे बीएसए के रूप में तैनात थे. इसके अलावा 2003 से 2013 तक 30 खंड शिक्षा अधिकारी अलीगढ़ में कार्यरत रहे. अब इस पूरे घोटाले की गहन जांच जारी है. शासन द्वारा गठित विशेष टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है. यदि दोषियों पर अपराध सिद्ध होता है तो उन पर कानूनी कार्रवाई के तहत सख्त सजा दी जा सकती है.