सूरत 10 जुलाई। गुजरात के सूरत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे तीन छात्रों ने भविष्य की एक ऐसी कार इजाद की है, जिसमें टायर हैं और ना ही स्टेयरिंग. फुली इलेक्ट्रिक यह कार एक बार चार्ज होने पर 35 किमी की रफ्तार से 80 किमी तक चलेगी. कैप्सूल की शक्ल वाली इस कार को एक आदमी के बैठने लायक बनाया गया है. कबाड़ के समान को एसेंबल कर बनाई गई इस कार को बनाने में कुल 65 हजार रुपये की लागत आई है.
जब इस कार को बल्क में बनाया जाएगा तो इसकी लागत और भी कम हो सकती है. इसे भविष्य की कार कहा जा रहा है. इस कार को बनाने वाले छात्र शिवम मौर्या, संगम मिश्रा और दलजीत के मुताबिक भविष्य में लोगों को ऐसी ही कारों की जरूरत होगी. इस कार की डिजाइन भी लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है. इस कार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से भी चलाया जा सकेगा.
छात्रों के मुताबिक इस कार को बनाने के लिए कुछेक सामान तो खरीदे गए हैं, लेकिन बाकी सारा सामान कबाड़ से उठाया गया है. इन छात्रों के मुताबिक बिना टायर और स्टेयरिंग की इस कार को ड्राइव करने के लिए गेमिंग जॉयस्टिक और मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल किया जाएगा. चार फीट लंबी और छह फीट चौड़ी इस कार में एक आदमी के बैठने के अलावा थोड़े बहुत सामान रखने की जगह दी गई है.
संरचना में कैप्सूल की तरह नजर आने वाली इस कार को घर से बाजार जाने या ऑफिस आने जाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इन छात्रों के मुताबिक निकट भविष्य में सड़कों पर बड़ी गाड़ियों के चलने के लिए जगह बहुत कम रह जाएगी. खासतौर पर भीड़ भाड़ वाले इलाकों में बड़ी गाड़ियों से आना जाना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में यह कैप्सूल कार लोगों के लिए काफी मददगार साबित होगी. छात्रों के मुताबिक पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल कार है.