लखनऊ 03 मार्च। सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और घायलों को त्वरित उपचार प्रदान करने के लिए योगी सरकार कई बड़े कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर फूड प्लाजा की तरह अस्पतालों की व्यवस्था की जाए।
सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस एवं प्रशिक्षित स्टाफ को तैनाती भी सुनिश्चित की जाए। एक्सप्रेस-वे के किनारे की शराब की दुकानों को हटाया जाए।
मुख्यमंत्री ने सड़क हादसों के वार्षिक आंकड़ों पर चिंता जताते हुए बताया कि वर्ष 2024 में कुल 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 34,600 लोग घायल हुए और 24,000 से अधिक लोगों की मौत हुई। उन्होंने इस आंकड़े को न्यूनतम स्तर तक लाने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए।
ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधार कार्य के आदेश
सभी विभागों को समन्वय बनाकर सड़क हादसों को नियंत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सड़कों पर दुर्घटना बहुल क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित कर सुधार कार्य किए जाएं, ताकि सड़क हादसों को रोका जा सके।
20 जिलों में सर्वाधिक सड़क हादसे
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक मौतें 20 जिलों—लखनऊ, हरदोई, मथुरा, आगरा, बुलंदशहर, कानपुर, प्रयागराज, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, बरेली, अलीगढ़, गौतमबुद्ध नगर, शाहजहांपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, बदायूं, मेरठ और बिजनौर में हुई हैं। कुल मृत्यु का 42% इन्हीं जिलों से है।
मुख्यमंत्री ने एक्सप्रेसवे और हाईवे किनारे शराब की दुकानें पूरी तरह बंद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शराब दुकानों के साइनेज बड़े आकार के न हों, बल्कि उन्हें छोटा किया जाए। सीएम ने बिना परमिट की बसों और डग्गामार वाहनों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही, ओवरलोडेड ट्रकों पर भी प्रभावी नियंत्रण करने और दूसरे प्रदेशों से बिना परमिट आने वाले वाहनों को सीमा पर ही रोकने को कहा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि लंबी दूरी के वाहनों में दो ड्राइवर अनिवार्य रूप से हों।
मुख्यमंत्री ने नगरीय क्षेत्रों में नाबालिग बच्चों द्वारा ई-रिक्शा चलाने पर रोक लगाने और सभी ई-रिक्शा चालकों का वेरिफिकेशन कराने के निर्देश दिए। ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने के लिए सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड जवानों को प्रशिक्षण देकर ट्रैफिक प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया। आरटीओ को बिचौलियों से पूर्णतः मुक्त रखें, इसके लिए समय-समय पर रैंडम चेकिंग अभियान चलाएं। एक्सप्रेस-वे एवं हाइवे पर क्रेन, पेट्रोलिंग वाहन और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाएं।
प्रदेश में एनएचएआइ की 93 सड़क में से सिर्फ चार पर कैमरे लगे हैं। मुख्यमंत्री ने बाकी सड़कों पर भी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। एनएचएआइ की बहुत सड़कों पर पैदल पुल बनाने, जाम की समस्या से लोगों को राहत देने के लिए सिविल पुलिस, पीआरडी और होमगार्ड के जवानों को ट्रेनिंग देकर यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने के भी निर्देश दिए।