नई दिल्ली/ बागपत 02 जून। शाहदरा जिले के सीमापुरी स्थित दिलशाद गॉर्डन इलाके में भाई-बहन ने फ्लैट के अंदर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। रविवार सुबह फ्लैट से बदबू आने पर पड़ोसियों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस और दमकल विभाग की टीम ने फ्लैट का दरवाजा तोड़ा, तो भाई-बहन के शव सड़ चुके थे। मृतकों की पहचान 32 वर्षीय वीरेश कुमार तोमर और 30 वर्षीय प्रीति उर्फ चिंकी के रूप में हुई है। दोनों मूल रूप से बागपत में रमाला के गांव फतेहपुर चक के रहने वाले थे। हादसे की सूचना के बाद से गांव में मातम का माहौल है।
वीरेश और प्रीति बीते पांच साल से दिलशाद गार्डन के डी-409 फ्लैट में रह रहे थे। इससे पहले वह झिलमिल इलाके में रहते थे। वीरेश एक आईटी कंपनी में नौकरी करता था, जबकि प्रीति एमबीए की पढ़ाई कर रही थी। फ्लैट से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। शवों की हालत देखकर पता चल रहा है कि आत्महत्या दो से तीन दिन पहले की गई होगी। तीन दिन का अखबार भी फ्लैट में जैसे डाला गया था, वैसे ही पड़ा मिला है। हालांकि, पड़ोसियों का दावा है कि भाई-बहन बीते दस दिनों से कमरे से बाहर नहीं आए थे। पुलिस आर्थिक तंगी से जूझने समेत सभी संभावित एंगल पर जांच कर रही है। पड़ोसियों के मुताबिक, रविवार सुबह 7.30 बजे वीरेश के कमरे से असहनीय दुर्गंध आ रही थी। इसके अलावा कमरे से पानी जैसा कुछ तरल पदार्थ भी बाहर निकल रहा था। दूध लेने के लिए घर से निकले प्रथम तल पर रहने वाले वीरेश के पड़ोसी अशोक सिंह ने यह देखा, तो अन्य पड़ोसियों के अलावा फ्लैट मालिक राजीव और पुलिस को सूचना दी। फ्लैट का दरवाजा तोड़ते ही अंदर का मंजर देख सभी के होश उड़ गए। भाई-बहन के शव फंदे पर लटके थे।
एक माह पहले गांव आया था वीरेश
मृतक वीरेश एक माह पहले ही गांव आया था। वह गाँव आकर ग्राम प्रधान पति से किसी कागजात के सम्बंध में मिला था। बताया गया है कि मृतक पिता की पेंशन बहन को मिलने लगे, इसी सिलसिले में वह ग्राम प्रधान से कागजात तैयार कराने पहुंचा था।
माता-पिता दोनों की मौत के बाद अकेले रहते थे
मृतकों के रिश्तेदार विकास तोमर ने बताया कि वीरेश के पिता देवेन्द्र तोमर आर्मी में जेसीओ (जूनियर कमीशन ऑफिसर) थे। साल 2011 में उनकी मौत हो गई थी। वहीं, साल 2021 में वीरेश की मां अनीता की मौत भी बीमारी के कारण हो गई थी। मां की मौत के बाद दोनों बहन-भाई दिल्ली आ गए। इसके बाद वे गांव में रहने वाले परिवार के अन्य सदस्यों से बात नहीं करते थे। डेढ़ साल पहले गांव से उन्हें शादी का एक कार्ड भी भेजा गया था, लेकिन दोनों गांव नहीं गए। सोशल मीडिया पर भी वे सक्रिय नहीं थे। विकास ने दावा किया है कि किसी तरह की आर्थिक तंगी नहीं थी। हालांकि, किसी अन्य कारण के बारे में भी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।