श्रीनगर 18 सितंबर। जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक उठा पटक लगातार जारी है. पार्टियां सूबे में होने वाले चुनावों में जीत के लिए विपक्षी पार्टियों पर हमलावर हैं. इस दौरान नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द करने का फैसला संसद ने लिया था, भगवान ने नहीं.
उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि इस फैसले को पलटा भी जा सकता है. दरअसल, उमर अब्दुल्ला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा जम्मू में सोमवार को आयोजित एक चुनावी रैली में दी गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.क्योंकि, अमित शाह ने कहा था कि अनुच्छेद-370 इतिहास के पन्नों में दफन हो चुका है. यह फिर कभी भारतीय संविधान का हिस्सा नहीं बनेगा.
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, “नामुमकिन कुछ भी नहीं है. उन्होंने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर में आतंववादी घटनाओं में बढ़ोत्तरी के लिए भी जिम्मेदार ठहराया. इस दौरान उमर ने सवाल किया, “जम्मू-कश्मीर पर पिछले 6 साल से केंद्र सरकार का नियंत्रण है. अगर जम्मू में एक बार फिर आतंकवादी हमले हो रहे हैं, जिसमें तीर्थयात्रियों और सशस्त्र बलों के जवानों को निशाना बनाया गया है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है.
अनुच्छेद-370 पर शाह की टिप्पणी का जिक्र करते हुए उमर अब्दु्ल्ला ने कहा, “यह भगवान का नहीं, संसद का फैसला था. संसद की ओर से लिए गए किसी भी फैसले को बदला जा सकता है. अगर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों ने इसे हटाने के पक्ष में फैसला सुनाया, तो क्या यह मुमकिन नहीं है कि कल 7 जजों की पीठ फिर से अनुच्छेद-370 के पक्ष में फैसला सुनाए. उन्होंने कहा कि शाह को पहले लोगों को बताना चाहिए कि जम्मू में आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के लिए कौन जिम्मेदार है.
उमर ने कहा, “आप हमें हमारी गलती के लिए जिम्मेदार ठहरा सकते हैं, लेकिन अगर जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ता है तो इसके लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बार यहां के लोग जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को स्पष्ट जनादेश देंगे. उमर जम्मू-कश्मीर की दो विधानसभा सीट-बडगाम और गांदेरबल से चुनाव लड़ रहे हैं