फिल्म अभिनेत्री से नेता बनी और अपने बयानों से चर्चाओं में रहने वाली कंगना रणौत ने एक खबर के अनुसार माना कि किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान पर उन्हें डांट पड़ी है। और अब मैं अपनी बातों का ध्यान रखूंगी। उसके बावजूद राहुल गांधी के काम और व्यवहार को रददी बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें कुर्सी से मोह नहीं है के अलावा अपनी फिल्म इमरजेंसी रिलीज के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के नाम को संबोधित करते हुए कहा कि इंदिरा को अमेरिकी राष्ट्रपति बाहर खड़ा रखते थे। मुझे लगता है कि ऐसे शब्द बोला जाना सही नहीं है। यह बात हर आदमी मानता है कि पीएम मोदी का कद देश और दुनिया में मजबूती से बढ़ा है। देश के सम्मान में भी बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन यह कहना कि इंदिरा को अमेरिकी राष्ट्रपति बाहर खड़ा रखते थे कुछ सही नहीं लगता है क्येांकि कंगना रणौत ने शायद उस काल का मनन नहीं किया है वरना वो ऐसी बात नहीं कहती क्योंकि जब बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हुआ और युद्ध हुआ तो इंदिरा गांधी ने ही पीएम के रूप में बांग्लादेश की मदद की थी और अमेरिका के एक शक्तिशाली बेड़े को निष्क्रिय किया था। तब जनसंघ के बड़े नेता भाजपा व सहयोगी दलों की सरकार में प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी ने यह नारा दिया था कि वो इंदिरा नहीं दुर्गा है और उनकी सराहना की थी। ऐसी परिस्थितियों में यह कहना कि इंदिरा को अमेरिकी राष्ट्रपति बाहर खड़ा रखते थे मुझे लगता है कि नासमझी वाली सोच से उत्पन्न बयान ही कह सकते है।
मेरा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा व पीएम मोदी से आग्रह है कि वो पीएम पद पर कई साल तक रहीं इंदिरा गांधी जैसे व्यक्तित्व के बारे में इस प्रकार के बयान ना ही दे तो अच्छा है क्योंकि आज भी उन्हीं की पार्टी का लोकसभा में विपक्ष का नेता उनका पोता राहुल गांधी है। कांग्रेस भले ही सरकार ना बना पाई हो लेकिन भाजपा के बाद सबसे ज्यादा सीट जीतकर आई जिससे कह सकते हैं कि कांग्रेस से आम आदमी का जुड़ाव अभी खत्म नहीं हुआ है। यह भी सही है कि कंगना रणौत चर्चित है लेकिन इतने बड़े कद की मालिक नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री का नाम लेकर अशोभनीय टिप्पणी करे।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पीएम मोदी कंगना रणौत की बयानबाजी पर लगाएं रोक
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