Date: 16/09/2024, Time:

भाजपाई हुए सक्रिय, अपराधियों पर राजस्व की धनराशि का उपयोग होगा जनहित में, मुफ्त की योजनाओं से परहेज करेगी सरकार

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लगता है कि केंद्र और कई प्रदेशों में सरकार चला रही भाजपा नेताओं को अब यह समझ आ गया है कि बिना जनता की आवाज सुने और उसकी समस्या का समाधान कराए अथवा भ्रष्टाचार व भयमुक्त वातावरण कार्य में किए बिना के जो थोड़ा बहुत जनाधार है उसे रोक पाना आसान नहीं है। शायद इसीलिए लोकसभा चुनाव बाद 63 लोकसभा क्षेत्रों में अपना परचम फहराने से वंचित रही शायद भाजपा अब कोई और रिस्क नहीं लेना चाहती।
गत 30 जून तक जेपी नडडा की जगह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो जाना चाहिए था जो नहीं हुआ। इसके पीछे क्या कारण है यह तो भाजपा ही जान सकती है लेकिन कुछ लोगों का मत है कि संघ और भाजपा के बीच इस पद को लेकर अभी तक सहमति ना बन पाने के चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष पर चुनाव नहीं हो पाया। मौखिक सूत्रों का कहना है कि संघ ऐसे आदमी को इस पद पर अध्यक्ष देखना चाहता है जो संगठन को मजबूत कर सके और सरकार पर भी रखे नजर। इसमे कोई हर्ज भी नजर नहीं आता है क्योंकि इससे अगर संघ की नाराजगी भी है तो वह दूर होगी और आगामी विधानसभा चुनावों में संघ कार्यकर्ताओं का भरपूर सहयोग मिलेगा। बताते हैं कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नितिन गडकरी शिवराज सिंह चौहान संघ की पहली पसंद है तो पीएम मोदी मनोहर लाल खटटर भूपेंद्र यादव को खबरों के अनुसार इस पद पर देखना चाहते हैं। भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा यह अलग बात है मगर एक बात भाजपाईयों की सक्रियता से समझ आने लगी है कि जनहित को नजरअंदाज कर लंबे समय तक पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना पाना एवं कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ावा संभव नहीं है। इसके उदाहरण के रूप में यूपी के मेरठ सहित कुछ जिलों को देख सकते हैं जहां विधायक और महानगर अध्यक्ष एवं पूर्व अध्यक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि ट्रैफिक पुलिस ने चौराहे के छोड़ रखे हैं ठेके जहां अवैध उगाही हो रही है। पूर्व में कैंट विधायक ने रंगे हाथों पकड़ा भी था। महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज का कहना है कि इसकी उच्चाधिकारियों से करेंगे शिकायत। केैंट विधायक का कहना है कि लूट मचा रखी है यातायात पुलिस ने। संगठन के एक पदाधिकारी से बदसलूकी करने के विरोध में सुरेश जैन के नेतृत्व में भाजपाईयों द्वारा एसएसपी से मिलकर सीओ सदर देहात नवीना शुक्ला इंस्पेक्टर व दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। भाजयुमों द्वारा एसएसपी ऑफिस पर किया गया प्रदर्शन। जब सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए तो यह कहने में बुराई नहीं है कि अब जनहित की बात अधिकारी और सरकार दोनों को ही सुननी पड़ेगी। कुछ जिलों में तो पूर्व मंत्री और विधायक भी अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
बीते सोमवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व प्राप्ति की समीक्षा की गई। इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल उपस्थित रहे। सीएम ने कहा कि राजस्व में मिली धनराशि जनता की है। राजस्व बढ़ाने के नए स्त्रोत तलाश करें लेकिन जनता का उत्पीड़न किसी भी रूप में नहीं होना चाहिए। दूसरी तरफ दिल्ली की सरकार ने स्पष्ट किया है कि राजकोषीय घाटे में बढ़ोत्तरी को रोकने के लिए वित्तीय अनुशासन को कायम रखना पहली प्राथमिकता है इसलिए सरकार आगामी बजट में मुफत वाली किसी भी योजना से परहेज करेगी। क्योंकि मनरेगा उज्ज्वला जैसी योजनाएं की बदौलत सरकार की सब्सिडी पहले ही 3.81 लाख करोड़ पहुंच चुकी है। मुफत की योजना शुरू करने से सब्सिडी का भार और बढ़ेगा।
यूपी में कानून व्यवस्था अपराधियों पर अंकुश और किसी भी रूप में अराजकता फैलाने वाले बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। धार्मिक पर्वों पर जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। आस्था को सम्मान दें लेकिन नई परंपरा को बढ़ावा ना दें। धार्मिक आयोजनों के नाम पर अराजकता को स्वीकार नहीं किया जाएगा। 24 घंटे बाढ़ नियंत्रण और अलर्ट रहने के निर्देश भी सीएम योगी ने दिए।
कुल मिलाकर ऊपर दिए गए बिंदुओं के माध्यम से यहां यह समझाना चाह रहा हूं कि केंद्र व प्रदेश सरकारें अब जनहित में कोई भी निर्णय लेने में चूकना नहीं चाहती इसलिए हर बिंदु को नजरअंदाज कर जनहित के निर्णय जैसे राजकोषीय घाटा कम करना अराजकता व अपराधियों पर अंकुश लगाना जनता की मेहनत की कमाई का मतदाताओं के हित में उपयोग करना मुफ्त की योजनाओं से सरकार की दूरी और जनसमस्यों के समाधान पुलिस उत्पीड़न रोकने के लिए कार्यकर्ता से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक भाजपा और सरकार जनहित के निर्णय ले रही है। जो नुकसान लोकसभा और उपचुनाव मेें हुआ अथवा यूपी में होने वाले उपचुनावों में या 2027 के चुनावों को ध्यान में रखकर सरकार ऐेसे अभियान चला रही है से मैं सहमत हूं लेकिन इन प्रयायों का लाभ पात्रों को मिलेगा मुफ्त की रेवड़ियां जो अपात्र लोग प्राप्त कर रहे थे अब उसका लाभ अब आम आदमी को मिलेगा । यह एक अच्छी शुरूआत का संदेश कह सकते हैं। चुनाव में कौन हारेगा जीतेगा वह अलग बात है लेकिन इस प्रयास की सराहना की ही जानी चाहिए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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