लद्दाख 24 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लद्दाख के मौजूदा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल का टिकट काटकर मंगलवार को केंद्रशासित प्रदेश की एकमात्र लोकसभा सीट से ताशी ग्यालसन को अपना प्रत्याशी बनाने की घोषणा की. नामग्याल ने इस घटनाक्रम पर बगावती सुर में प्रतिक्रिया दी और कहा कि जल्द ही वह अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे. ग्यालसन मौजूदा समय में लेह स्थित लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के अध्यक्ष-सह-प्रमुख कार्यकारी पार्षद हैं.
भाजपा द्वारा लद्दाख लोकसभा सीट से उम्मीदवार की घोषणा किए जाने के बाद नामग्याल ने कहा कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश से उनके समर्थक इस फैसले पर असहमति व्यक्त कर रहे हैं. भाजपा द्वारा टिकट काटे जाने के बाद अपने बयान में नामग्याल ने कहा, ‘‘आज, भाजपा ने लद्दाख लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद को बदलकर नए उम्मीदवार की घोषणा कर दी. इस दौरान कोई पारदर्शी कारण और पुख्ता तर्क नहीं दिया गया.”
नामग्याल ने कहा कि उन्होंने प्रतिबद्ध ‘कार्यकर्ता’ के साथ हुए इस अन्याय को लेकर अपनी ‘असहमति’ उचित माध्यम से पार्टी नेतृत्व को पहुंचा दी है. उन्होंने कहा कि पूरे लद्दाख से सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता और मेरे समर्थकों ने इस फैसले को लेकर अपनी असहमति जताई है. नामग्याल ने कहा, ‘‘हम बारीकी से स्थिति का आकलन करेंगे और लद्दाख के लोगों के हित को सबसे आगे रख कर अगले कदम पर फैसला करेंगे. मैं सभी समर्थकों के प्रति उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त करता हूं.”
वहीं लद्दाख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से टिकट मिलने के बाद भाजपा के ताशी ग्यालसन ने कहा कि मुझ पर विश्वास दिखाने के लिए मैं पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देता हूं। लद्दाख में यह चुनौतीपूर्ण है क्योंकि लद्दाख में बहुत काम किया गया है। मुझे विश्वास है कि लोग पीएम मोदी पर भरोसा करेंगे और बीजेपी जीतेगी।
ग्यालसन लेह में लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद के अध्यक्ष-सह-मुख्य कार्यकारी पार्षद हैं। नामग्याल 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का बचाव करने के लिए लोकसभा में अपने वायरल भाषण से सुर्खियों में आए थे।
बताते चले कि स्थानीय सूत्रों ने कहा कि ग्यालसन पेशे से एक वकील हैं. उन्होंने बताया कि ग्यालसन इस सीट पर भाजपा की पकड़ बनाए रखने के लिए बेहतर स्थिति में हैं, जिसमें मुस्लिम बहुल कारगिल भी शामिल है. लद्दाख सीट पर 20 मई को मतदान होगा.