मुंबई 05 मार्च। महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी पर बड़ी कार्रवाई की गई है। औरंगजेब से जुड़ी टिप्पणी मामले में उन्हें विधानसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया है। महाराष्ट्र के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन में उनके खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। सदन ने प्रस्ताव को पारित कर दिया।
इससे पहले अबु आसिम आजमी के मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ वाले बयान का मुद्दा मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में छाया रहा था। सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ के सदस्यों ने आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित करने और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की, जिसके बाद वह अपने बयान से पलट गए थे।
मुंबई पुलिस ने अबू आजमी के खिलाफ मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ करने वाली टिप्पणी के मामले की जांच शुरू कर दी थी। लोकसभा में शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के की शिकायत पर पड़ोसी ठाणे में पुलिस ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के प्रयास के आरोप में आजमी के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज की थी। इस बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर आजमी पर निशाना साधते हुए उन्हें देशद्रोही करार दिया था।
अबू आजमी के भड़काऊ बयान और एफआईआर को मुद्दा बनाकर उनके निलंबन का प्रस्ताव एकनाथ शिंदे की पार्टी ने मंगलवार को विधानसभा स्पीकर को दिया था. इसके बाद आज यानी बुधवार को इस पर बीजेपी के कुछ विधायकों ने भी प्रस्ताव दिया और स्पीकर राहुल नार्वेकर ने इन प्रस्तावों को मंजूर कर लिया.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मांग की थी कि अबू आजमी पर मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए, जिस मुगल शासक ने मराठा शासक छत्रपति संभाजी महाराज पर क्रूर अत्याचार किए थे.
अबू आजमी ने औरंगजेब को बताया था ‘महान प्रशासक’
आजमी ने मुंबई में मीडिया से बात करते हुए कहा था, ‘सारा गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए…औरंगजेब क्रूर नहीं था।’ एक समाचार चैनल के साथ इंटरव्यू में सपा नेता ने कहा था, ‘मैंने औरंगजेब के बारे में जितना पढ़ा है, उसने कभी भी जनता का पैसा अपने लिए नहीं लिया, उसका शासन बर्मा (वर्तमान म्यांमार) तक फैला हुआ था, उस समय देश को सोने की चिड़िया कहा जाता था।’ उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि वह एक महान प्रशासक थे, उसकी सेना में कई हिंदू कमांडर थे।
बयान पर विवाद बढ़ने के बाद अबू आजमी ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. उन्होंने कहा, मैंने औरंगजेब के बारे में जो कुछ भी कहा, वह इतिहासकारों और लेखकों के कथन के आधार पर कहा. मैंने शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी महापुरुष के खिलाफ कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की. फिर भी, अगर किसी को मेरी टिप्पणी से ठेस पहुंची है, तो मैं अपने बयान और टिप्पणियां वापस लेता हूं.
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण किया जा रहा है. आजमी ने कहा कि इसके कारण बजट सत्र को बाधित करना महाराष्ट्र के लोगों का नुकसान है.