asd इम्यूनिटी बढ़ाने निरोगी रहने का एकमात्र साधन है साईकिल, प्रदूषण और जाम से दिलाती है छुटकारा

इम्यूनिटी बढ़ाने निरोगी रहने का एकमात्र साधन है साईकिल, प्रदूषण और जाम से दिलाती है छुटकारा

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एक जमाने में स्टेटस सिंबल समझी जाने वाली साईकिल जब समाज में खुशहाली का दौर बढ़ा तो आम आदमी की सवारी बनकर रह गई लेकिन अब जैसे जैसे विभिन्न प्रकार का प्रदूषण बढ़ रहा है और उसमें पेट्रोल डीजल द्वारा दिए जा रहे सहयोग को ध्यान में रखते हुए तथा शरीर की मांसपेशियां मजबूत करने और स्वस्थ रहने के चलते अब साईकिल समाज के सबसे बड़े वर्ग में भी खूब प्रचलित हो रही है। आम आदमी से लेकर फिल्म अभिनेता सलमान खान तक साईकिल का उपयोग कर रहे हैं। कुल मिलाकर यह दोपहिया सवारी स्वास्थ्य के लिए सोने में सुहागा सिद्ध हो रही है। कुछ वर्ष पहले तक 20 किमी तक साईकिल चलाता था अब कम हो गई है लेकिन उस दौरान जो स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आदतें बढ़ी वो अभी भी जारी है। साईकिल की उपयोगिता और उसकी खपत का इससे पता चलता है कि अकेले चीन में सालाना 13 करोड़ साईकिलों का उत्पादन होता है। भारत में जहां पहले जुगाड़ से यह तैयार होती थी अब प्रतिवर्ष दो करोड़ साईकिलों का निर्माण हर साल होने का अंदाजा है और जिस प्रकार से ग्लोबल तकनीक और क्वालिटी के साथ साईकिलों का निर्माण हो रहा है उस हिसाब से यह कह सकते हैं कि जल्द ही हम साईकिल उत्पादन में नंबर एक के निकट पहुंच सकते हैं। बताते चलें कि बाइक स्कूटी कार शान की सवारी तो है लेकिन स्वास्थ्य के लिए इनसे ज्यादा साईकिल जरूरी हो गई है। अब आम आदमी की बदल रही सोच और सरकारी प्रोत्साहन के चलते ज्यादातर लोग जिन्हें एक तरफ जाना होता है वो कार बाइक शेयर करने लगे हैं जिससे प्रदूषण से मुक्त मिल रही है। इसी कारण से फिटनेस के हिसाब से शक्तिशाली पूल के रूप में अपनी जगह बना ली है। 15 से 20 मिनट की साईकिल मोटापा शुगर को कंट्रोल करती है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य मजबूत मांसपेशियों के लिए अपनाई जा रही है यह सवारी के प्रति आकर्षित करने के लिए 3 जून को साईकिल दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है। इस वर्ष साईकिल दिवस की थीम साईकिलिंग ऑफ स्टेडर्डल फ्यूचर यानि टिकाऊ भविष्य के प्रतीक साईकिल को अपनाएं। यह किसी से छिपा नही है कि साईकिल के एक पैंडल मारे से जहां प्रदूषण कम होने लगता है। संयुक्त राष्ट्र 2018 में विश्व साईकिल दिवस की घोषणा की थी क्योंकि यह ह्रदय रोग के मामलों में लाभदायक है। इसलिए इसके प्रति आकर्षण बढ़ता जा रहा है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के अनुसार फिटनेस केवल एक शब्द नहीं है बल्कि स्वस्थ जीवन का स्तंभ है। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने युवाओं को स्वास्थ्य के लिए जागरूक करने के लिए साईकिलोत्थान जैसे कार्यक्रम चलाए हैं जिसके तहत निजी वाहन के बजाय साईकिल का उपयोग किया जाए। इसे सिर्फ तीन जून को साईकिल दिवस का उत्सव ना समझकर अगर हम सब इसे अपनाने लगे तो एक बात विश्वास से कही जा सकती है कि वायु प्रदूषण खत्म ना हो लेकिन साईकिल चलाने से कम जरूर होगा। जितना यह बचेगा उसका मुकाबला हम साईकिल चलाकर इम्यूनिटी बढ़ेगी वो उससे लड़ने में कारगर होगी। हम कम बीमार पड़ेंगे। हम मजबूत इच्छाशक्ति के साथ साईकिल चलाएं तोे सामने वाला आपको ट्रोल करने की हिम्मत नहीं जुटाएगा। मेरा मानना है कि पांच हजार से लेकर करोड़ों तक की साईकिल बनवाई जा सकती है। समाजवादी पार्टी का यह चुनाव चिन्ह है। मुझे लगता है कि अगर हम महंगी साईकिलें ना खरीदकर पांच सात हजार की लेकर उसका उपयोग करे तो लाखों करोड़ों की साईकिल से ज्यादा इसे चलाने से व्यक्ति स्वस्थ रह सकता है। आम आदमी की यह सवारी मानसिक मजबूती भी देती है। इससे यातायात जाम की समस्या से बच सकते है। विश्व साईकिल दिवस पर सभी को बधाई शुभकामनाएं देते हुए उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं और आम के आम गुठलियों के दाम पर खरी उतर रही साईकिल को अपनाएं जिससे डॉक्टरों की कमी का समाधान होगा और प्रदूषण से लड़ने और स्वस्थ रहने में भी कामयाबी मिलेगी।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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