नोएडा 01 मई। सेक्टर-45 में महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 84 लाख से ज्यादा रुपये की ठगी में साइबर थाना पुलिस ने पंजाब के माेहाली से प्राइवेट बैंक के असिस्टेंट मैनेजर सोनू पाल को गिरफ्तार किया है। आरोपित ठगी के लिए गिरोह को लोगों के खाते की जानकारी मुहैया कराता था। उसके अलावा सरगना का खाता खुलवाकर उसकी अंतरिम जानकारी टेलीग्राम से विदेशी नागरिक को भेजता था। पुलिस ने उसका मोबाइल फोन और 12400 रुपये बरामद किए हैं। मामले में पुलिस उसके तीन साथियों को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है।
डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि सीतापुर के सामोली में ग्राम दलावल निवासी सोनू पाल मोहाली के बैंक में असिस्टेंट मैनेजर है। वह बैंक में खाते खुलवाता है। इसी क्रम में उसने गिरोह के रामसिंह का खाता खुलवाकर उसकी अंतरिम जानकारी टेलीग्राम से विदेशी नागरिक को भेज दी थी।
बैंक खाते में ठगी के 69,78,894 रुपये फ्रीज हुए थे। पूछताछ में पता चला कि आरोपित सोनू पाल गिरोह से कमीशन के दो लाख रुपये लेता था। उनके मुताबिक, सेक्टर-45 की महिला ने साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज कराया था कि ठगों ने उन्हें पार्सल में ड्रग्स होने का डर दिखाकर तीन दिन डिजिटल अरेस्ट रखा।
उस बीच 84 लाख 16 हजार 989 रुपये की ठगी कर ली। मामले की जांच में पुलिस ने टीम गठित की थी । इस मामले में साइबर पुलिस ने गिरोह के राम सिंह, नरेंद्र और अक्षय को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसके बाद जांच में बैंककर्मी की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई थी।
पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाला तो बैंककर्मी के रूप में असिस्टेंट मैनेजर सोनू पाल की पहचान हुई। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई दिनों से दबिश दे रही थी। उसने पूछताछ में बताया कि राम सिंह के खाते में ठगी के 69 लाख रुपये कई बार में ट्रांसफर हुए थे। उसने कमीशन के दो लाख रुपये अपने पास रख लिए थे।
साइबर निरीक्षक रणजीत सिंह ने बताया कि मैनेजर सोनू लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने समेत अन्य लाभ मिलने का झांसा देता था। वह बीमार और परेशान लोगों के नाम पर खाते खुलवाता था। फिर खाते की किट अपने पास रखकर गिरोह को उसका नंबर देता था।
करीब 22 साल पहले वह सीतापुर से चंडीगढ़ गया था। पुलिस उसका आपराधिक इतिहास पता कर रही है।