नई दिल्ली 03 दिसंबर। सरकार ने राज्यसभा में कहा कि प्रतीक्षा सूची वाले यात्री ट्रेनों के आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को एक लिखित उत्तर में मौजूदा नियमों की जानकारी दी।
सांसद संजय सिंह के उठाए सवालों का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा, अनारक्षित कोचों में यात्रा करने वाले या अनाधिकृत रूप से आरक्षित कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों का विवरण नहीं रखा जाता है। सिंह ने मंत्री से पिछले तीन वर्षों में देश में उन यात्रियों की कुल संख्या का विवरण देने को कहा, जिन्हें कन्फर्म टिकटों की अनुपलब्धता के कारण प्रतीक्षा सूची वाले टिकटों के साथ यात्रा करनी पड़ी और प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे द्वारा किए जा रहे प्रयासों का विवरण दिया गया। वैष्णव ने कहा, भारतीय रेलवे पर चलने वाली सभी ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची की स्थिति की नियमित आधार पर निगरानी की जाती है। अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए भारतीय रेलवे त्योहारों, छुट्टियों के दौरान विशेष ट्रेन सेवाएं भी संचालित करता है।
उन्नत एलएचबी कोचों में बिना हस्तक्षेप के कपलिंग होती है भारतीय रेलवे द्वारा वर्ष 1999-2000 में शुरू किए गए अधिक उन्नत एलएचबी कोचों में सेंटर बफर कपलर लगाए गए हैं, जिनमें बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कपलिंग की जाती है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रेनों के डिब्बों के कपलिंग और डिकपलिंग के दौरान अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए किए गए विभिन्न सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए यह बात कही। वैष्णव शुक्रवार को राज्यसभा के सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी और डेरेक ओ ब्रायन की ओर से पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
दोनों सदस्यों ने उस घटनाक्रम को लेकर सवाल किए थे, जिसमें एक रेलवे कर्मचारी की कपलिंग के दौरान हादसे में जान चली गई थी। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार 2019 से ट्रेन के डिब्बों की मैनुअल कपलिंग के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं और मौतों का कोई राज्यवार आंकड़ा रखती है और इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं।
कुलमिलाकर अब दिवाली, छठ और दशहरा में यूपी-बिहार जाने वाले पैसेंजरों को वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करना महंगा पड़ सकता है. रेलवे हर साल दिवाली और छठ पूजा के मौके पर स्पेशल ट्रेनों का संचालन करती है. लेकिन, इसके बावजूद भी यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हर साल यूपी-बिहार के अलग-अलग शहरों के लिए ट्रेनें चलती तो हैं, लेकिन इसके बावजूद वेटिंग टिकट लेकर यात्रा करने वाले पैसेंजरों की भरमार रहती है.