Date: 25/12/2024, Time:

वैष्णो देवी जाने वाले भक्त ध्यान दें, तीन दिन के लिए बाजार, दुकानें, रेस्टोरेंट सब बंद

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कटरा 25 दिसंबर। माता वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों के लिए अहम खबर है। कटरा रोपवे परियोजना के विरोध में श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति कटरा ने तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान मंगलवार को किया था। बुधवार सुबह से हड़ताल शुरू हो गई है। यहां देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। भक्तों न घोड़ा मिलेगा न पालकी। इस दौरान भवन मार्ग पर घोड़ा, पिट्ठू तथा पालकी आदि के रूप में कार्य करने वाले मजदूरों के अलावा स्थानीय व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।

18 दिसंबर को भी कटरा रोपवे के विरोध में प्रदर्शन किया गया था। एक दिन के लिए बाजार बंद किया गया था। जिसके बाद लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। प्रशासन से हुई बैठक में सहमति नहीं बनने के बाद श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति कटरा ने 72 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था। जिसके बाद बुधवार को ढाबे आदि बंद रहे। इससे पहले जब दुकानें और ढाबे बंद किए गए थे, तब जिलाधिकारी ने भरोसा दिया था कि 23 दिसंबर तक मामले में अहम फैसला लिया जाएगा। लेकिन कटरा संघर्ष समिति के पक्ष में मंगलवार को निर्णय नहीं हुआ। जिसके बाद समिति के पदाधिकारियों ने स्ट्राइक का ऐलान कर दिया।

बता दें कि श्रीमाता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने रोपवे बनाने का ऐलान किया है। जो ताराकोट मार्ग से सांझी छत के बीच बनाया जाना है।
इसकी कुल दूरी 12 किलोमीटर है, जिसके ऊपर 250 करोड़ रुपये की लागत से यात्री रोपवे परियोजना शुरू की गई है। इसके विरोध में न केवल दुकानदार हैं, बल्कि पिट्ठू और पालकीवालों के साथ स्थानीय लोग भी प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि रोपवे बनने से उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा। यह रोपवे मार्केट को बाईपास कर देगा। जिससे तीर्थयात्री बाजार से नहीं गुजर पाएंगे। यही कारण है कि आए दिन श्री माता वैष्णो देवी धाम पर हड़ताल का क्रम जारी है। श्राइन बोर्ड से हुईं बैठकें भी बेनतीजा निकलीं।

दरअसल, लोगों ने इससे पहले 15 दिसंबर को भी मुख्य बाजार में जोरदार प्रदर्शन कर मार्च निकाला था। मंदिर प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई थी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से उन लोगों की रिहाई की मांग की थी, जो पिछले महीने प्रदर्शन के दौरान पुलिस से भिड़ गए थे। स्थानीय लोगों और दुकानदारों ने पिछले महीने मंदिर प्रबंधन के खिलाफ चार दिवसीय धरने का ऐलान किया था। जिसमें मजदूर और पालकी संचालक भी शामिल थे।

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