Date: 26/12/2024, Time:

असम विधानसभा में जुमे की नमाज के लिए दो घंटे की छुट्टी खत्म

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असम 31 अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और विश्व हिंदू परिषद ने शुक्रवार की नमाज के लिए दी जाने वाली दो घंटे की छुट्टी को समाप्त करने के असम विधानसभा के फैसले का सपोर्ट किया है. दोनों संगठनों द्वारा असम सरकार के फैसले का स्वागत किया गया है. इसके साथ ही इन संगठन ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की तारीफ भी की है. इसको लेकर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद सईद ने कहा कि ये फैसला देश की धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करता है. साथ ही इस फैसले से देश के प्रगतिशील मूल्यों को मजबूती मिलेगी. इसके आगे उन्होंने कहा कि कर्म ही पूजा है और ये सिद्धांत सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू होता है.

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद सईद ने आगे कहा कि सरकारी कामकाज में धार्मिक आधार पर किसी भी तरह का विशेषाधिकार असमानता को बढ़ावा देता है. साल 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने इस प्रथा को शुरू किया था तब इसका उद्देश्य विशेष रूप से मुसलमानों को ध्यान में रखते हुए नमाज के लिए छुट्टी प्रदान करना था. लेकिन ये इतना जरूरी होता तो इसको पूरे देश में लागू किया जाता केवल एक राज्य में नहीं.

एमआरएम ने आगे कहा कि कोई भी सरकार, यहां तक कि वो पार्टियां जो मुस्लिम वोट बैंक के समर्थन के लिए जानी जाती हैं, जैसे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस आदि, ने भी इस प्रकार के नियम को अपनाने की आवश्यकता महसूस नहीं की. ये फैसला देश के धर्मनिरपेक्ष और समानता के मूल्यों को बनाए रखने में भी सहायक सिद्ध होगा. वहीं विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने असम में मुस्लिम शादी और तलाक के रजिस्ट्रेशन को जरूरी किए जाने के फैसले के लिए असम के मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए अन्य राज्यों से भी इसका अनुसरण करने की अपील की है.

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