जोधपुर 15 जनवरी। आसाराम को 12 साल 8 महीने 21 दिन बाद अंतरिम जमानत मिली है और वह जेल से बाहर आ गया है. आसाराम को राजस्थान हाईकोर्ट ने उसे कुछ शर्तों पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर भेजा है. मंगलवार शाम को राजस्थान उच्च न्यायालय से आदेश प्राप्त होने के बाद उसके वकीलों ने तेजी दिखाते हुए जेल में आदेश लागू करवाया और आसाराम को अस्पताल से रिहा करवाया.
आसाराम के मंगलवार को ही आश्रम पहुंचने की सूचना उसके भक्तों और साधकों को मिल गई थी. इसके बाद आसाराम जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम में पहुंचा, जहां पहले से ही भक्त उसका इंतजार कर रहे थे. आश्रम के मुख्य द्वार पर रंगोली सजाई गई थी और भक्तों में खुशी का माहौल था. आश्रम में जमकर भक्तों ने पटाखे भी फोड़े. आसाराम के रवाना होने से पहले भक्त ने लाल रंग की पगड़ी पहनाई, जिसे पहन वह अपने आश्रम पहुंचा. आसाराम को 12 साल बाद जमानत मिली, लेकिन उसका तेवर वही पुराना नजर आया. आसाराम पहले की तरह ही गुलाब के फूलों से बनी लाल पगड़ी पहने दिखाई दिया.
आसाराम को अंतिम जमानती कुछ शर्तों पर मिली है. इनमें आसाराम के साथ तीन सिपाही रहेंगे और इन सिपाहियों का खर्चा भी आसाराम को उठाना होगा. इसके अलावा आसाराम अब ज्यादा संख्या में भीड़ इकट्ठा कर प्रवचन नहीं कर पाएगा. इसके साथ ही सबूत से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश भी आसाराम नहीं करेगा. पहले आसाराम को गुजरात मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी. अब जोधपुर के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आसाराम को अंतरिम जमानत दे दी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अंतरिम जमानत मिलने के बाद आसाराम महाकुंभ जा सकता है.
बता दें कि आसाराम को 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया था. जब उस पर मथानिया स्थित आश्रम में एक नाबालिग शिष्या के साथ यौन शोषण का आरोप लगा था. न्यायिक हिरासत में रहते हुए उसे 2018 में आजीवन कारावास की सजा दी गई थी.