asd जब तक करोड़ों की चोरी लाखों में दिखाई जाती रहेगी अपराधिक घटनाएं रूकने वाली नहीं है, सरकार दे नागरिकों को एक मौका – tazzakhabar.com
Date: 13/03/2025, Time:

जब तक करोड़ों की चोरी लाखों में दिखाई जाती रहेगी अपराधिक घटनाएं रूकने वाली नहीं है, सरकार दे नागरिकों को एक मौका

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आजकल देशभर में रोजाना कहीं ना कहीं चोरी आदि अपराध होने की सूचनाएं मिलती रहती हैं। सरकार द्वारा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भरपूर प्रयास भी किए जा रहे हैं और डीजीपी प्रशांत कुमार हर स्थिति की समीक्षा कर उस पर नजर रख रहे हैं। फिर भी यह कम होने की बजाय सुरसा के मुंह की भांति क्यों बढ़ती जा रही हैं इस पर पहले से ही समाज में विचार विमर्श चल रहा है। लेकिन इसमें कमी क्यों नहीं हो रही एक खबर पढ़कर यह अहसास हुआ कि इनमें बढ़ोतरी क्यों हो रही है। बीते दिनों क्रॉसिंग रिपब्लिक में एक दुकान में हुई 22 लाख रुपये की चोरी की वारदात की जांच के दौरान पुलिस ने 1.97 करोड़ रुपये की नकदी बरामद कर तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। वारदात को पीड़ित कारोबारी के यहां काम करने वाले अतुल पांडे ने अपने दामाद बंटी और उसके साथी सुनील से 7 फरवरी को अंजाम दिलवाया था।
वारदात के बाद चोरी के 1.97 करोड़ रुपये मुरादनगर में रहने वाले नितिन के घर रखे गए थे। इस केस में महत्वपूर्ण बात यह भी है कि वारदात के 10 दिन बाद इस मामले में पीड़ित संजीव जैन ने अजनारा मार्केट में अपनी दुकान से 22 लाख रुपये और जेवर चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब इस मामले में साजिशकर्ता अतुल पांडेय और उसके साथी अरुण कुमार, नितिन की गिरफ्तारी के बाद जब रकम बरामद हुई, तब पुलिस को पता चला कि यह करोड़ो रुपये की चोरी की वारदात है। अरुण पांडे ने वारदात को अंजाम दिलाने के लिए शॉप में लगे लॉक की डुप्लीकेट चाबी तैयार कराई थी, जिसे उसने बंटी को दे दिया था। चोरी की वारदात के बाद आरोपित शॉप को खुली छोड़ गए। उसमें 12 लाख रुपये का एक बैग भी रह गया। दो दिन बाद जब गार्ड ने शॉप खुली देखी तो पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर जाकर 12 लाख रुपये अपने कब्जे में लिए। इसके बाद रकम के मालिक की तलाश में जुटी थी। 18 फरवरी को रॉ मैटीरियल कारोबारी संजीव जैन ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई, तब पुलिस ने उनको बताया कि 12 लाख रुपये दुकान में पहले मिल चुके हैं।
पाठक स्वयं भी अंदाजा लगा सकते हैं कि एक करोड़ 57 लाख की चोरी को 22 लाख रूपये की दिखाया जाता है तो आखिर घटनाएं क्यों नहीं बढ़ेंगी। चोर पकड़े गए तो बरामदगी 22 लाख की दिखाकर ही घटना का खुलासा हो जाएगा और बाकी जो एक करोड़ बचे उनकी बंदरबाट आपस में संबंधित मिलकर कर लेते होंगे। खुद दिनों में जमानत हो जाती है तो इससे बढ़िया धंधा जरायम में सक्रिय लोगों के लिए क्या हो सकता है। इसमें बचाने और करने वाले दोनो ही खुश मरना उसका है जो चोरी हुआ वो पूरा नहीं लिखवा सकता क्योंकि एक तलवार और लटक जाती है कि यह आया कहां से। इस पर टैक्स दिया था या नहीं। इस झमेले से बचने के लिए कुछ जानकारों का कहना है कि इस प्रकार की चोरियों की घटनाओं में बढ़ोत्तरी होती है। बदनाम पुलिस और सरकार होती है लेकिन जब तक हम सब पीएम मोदी भ्रष्टाचार मिटाओ अभियान को सफल बनाने में सहयोग के दृष्टिकोण से सब कार्य एक नंबर का करना शुरू नहीं करेंगे तब तक ऐसी घटनाएं रूक पाना संभव नहीं है। मेरा केंद्र और प्रदेश सरकार से आग्रह है कि ऐसी घटनाओं की रोकथाम हेतु पूरे देश में तीन माह का समय हर आदमी को दिया जाए कि वो अपनी जो संपत्ति कागजों में नहीं दिखाई गई है वो दिखाएं उस पर मामूली टैक्स लगाकर उस सबको पक्के का कर दिया जाएगा और कोई भी विभाग अपनी संपत्ति का खुलासा करने वालों को परेशान नहीं करेगा। मुझे लगता है कि ऐसे अपराधों में कमी लाई जा सकती है।

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