नई दिल्ली 16 सितंबर। कल देश की राजधानी दिल्ली में उस समय सियासी तूफान मच गया जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफे का ऐलान किया. राजनीतिक हलकों में हलचल मचाते हुए उन्होंने ऐलान किया वह दो दिन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. इसके साथ ही उन्होंने एक और हैरान कर देने वाला ऐलान किया. उन्होंने कहा कि उनके पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, जो एक महीने पहले जेल से रिहा हुए थे, उनके उत्तराधिकारी नहीं होंगे.
इस्तीफे के ऐलान के बाद केजरीवाल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ नवंबर में दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव कराने की मांग की. केजरीवाल ने कहा कि वे दोनों जनादेश मांगेंगे और दिल्ली आबकारी नीति मामले में अपनी बेगुनाही साबित करेंगे. बता दें कि केजरीवाल इसी मामले में करीब छह महीने जेल में रहने के बाद शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए.
दिल्ली सीएम केजरीवाल का इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला दिल्ली की चुनी हुई सरकार पर लगाए गए दोहरे प्रतिबंधों के नतीजे के रूप में भी देखा जा रहा है. एक तो संशोधित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) अधिनियम द्वारा लगाए गए प्रतिबंध, जो उपराज्यपाल को और अधिक अधिकार देता है, ख़ास तौर पर नौकरशाही पर. और दूसरा, केजरीवाल पर लगाई गई जमानत की शर्तें, जिसके अनुसार वे दिल्ली सचिवालय और अपने दफ़्तर नहीं जा सकते और सिर्फ़ उन्हीं दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं जिन्हें उपराज्यपाल द्वारा स्वीकृत या मंज़ूरी दी जानी है. केजरीवाल के लिए यह एक मजबूरी की तरह है. ऐसे में उनके पास इस्तीफा के अलावा कोई और विकल्प बचा नहीं था.
इस बीच महाराष्ट्र के समाजसेवी अन्ना हजारे की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। अन्ना हजारे ने कहा है कि मैं पहले से बता रहा था कि समाज की सेवा करो, राजनीति में नहीं जाना। केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद चर्चा हो रही कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे की अगुवाई में हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद ही आम आदमी पार्टी का गठन किया था। इसके बाद वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे।
अन्ना हजारे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि उन्होंने तो पहले ही कहा था कि राजनीति में मत जाओ। समाज की सेवा करो बहुत बड़े आदमी बनोगे। कई साल तक हम लोग साथ में थे। अन्ना हजारे ने कहा कि उस समय मैंने बार-बार कहा की राजनीति में नहीं जाना। समाज सेवा आनंद देती है। आनंद बढाओ, लेकिन उसके दिल मे बात नहीं रही और आज जो होना था वह हो गया। अन्ना हजार ने कहा कि उनके (केजरीवाल) के दिल में क्या है मैं क्या जानूं। अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि वह दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। केजरीवाल ने कहा है कि जब तक लोग उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।
वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठूंगा, जब लोग मुझे ईमानदारी का करार देंगे। उनका आशय दिल्ली में फिर से विधानसभा चुनाव जीतने की तरफ है। केजरीवाल ने कहा कि मैं अग्निपरीक्षा देना चाहता हूं। उन्होंने ये भी कहा कि मैं मुख्यमंत्री और सिसोदिया उपमुख्यमंत्री तभी बनेंगे, जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं। केजरीवाल ने कहा कि अगले कुछ दिन में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की बैठक होगी और पार्टी के एक नेता को मुख्यमंत्री चुना जाएगा। केजरीवाल ने दिल्ली में महाराष्ट्र के साथ चुनावों की मांग भी की है।