नई दिल्ली 14 सितंबर। एक संयुक्त अभियान में, सैन्य खुफिया और महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में बड़े पैमाने पर फर्जी भर्ती रैकेट चलाने के आरोप में एक व्यक्ति को सेना के मेजर का रूप धारण कर गिरफ्तार किया। वह देहरादून और औरंगाबाद में सेना भर्ती प्रशिक्षण शिविर चला रहा था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सैन्य खुफिया, पुणे और बंगर कैंप पुलिस स्टेशन, अहमदनगर ने विशेष सूचना पर बुधवार को एक संयुक्त अभियान शुरू किया और सत्यजीत बरथ कांबले को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस और सैन्य खुफिया की टीम ने नई दिल्ली से उसका पीछा करते हुए अहमदनगर में उसे धर दबोचा। आरोपित महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में बड़े पैमाने पर भर्ती रैकेट चला रहा था। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और नई दिल्ली में उसके साथियों ने सशस्त्र बलों में नौकरी दिलाने के बहाने सैकड़ों उम्मीदवारों को ठगा है।
जांच में पता चला कि सत्यजीत बरथ कांबले अपने साथियों के साथ देशभर में चलाए जा रहे फर्जी भर्ती माड्यूल का सरगना है। उसके कुछ साथियों के नाम पूछताछ के दौरान सामने आए। इनमें दक्षिणी राज्यों में फैली कुछ महिला दलाल भी शामिल हैं। भर्ती रैकेट के तहत आरोपितों ने सैकड़ों इच्छुक उम्मीदवारों के लिए देहरादून और श्रीगोंडा में फर्जी प्रशिक्षण शिविर चलाया।
आरोपितों ने खुद को सेना अधिकारी और भर्ती क्षेत्रों के सेवारत सेना कर्मचारी के रूप में पेश किया तथा प्रत्येक उम्मीदवार से सात-आठ लाख रुपये ठग लिए। यह भी पता चला है कि इस माड्यूल ने अब तक सेना भर्ती रैकेट से लगभग तीन-चार करोड़ रुपये कमाए हैं।
कांबले के साथियों की मदद से विभिन्न राज्यों में यह गिरोह चल रहा था।कांबले ने बताया कि रैकेट से जुड़े उसके लोग महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और नई दिल्ली के उम्मीदवारों को विभिन्न राज्यों में स्थित अकादमियों की सहायता से लुभाते थे। भर्ती रैलियों के माध्यम से वे उम्मीदवारों से सीधे संपर्क भी कर लेते थे। इसके बाद अभ्यर्थियों को देहरादून और श्रीगोंडा के जंगलों में कथित प्रशिक्षण शिविरों में शामिल होने के लिए बुलाया जाता था। आखिर में उम्मीदवारों को सेना कमांडर, मुख्य अभियंता अधिकारी और अन्य पदों के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर दिया जाता था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मॉड्यूल में विभिन्न राज्यों के कितने अन्य लोग शामिल थे, इस बारे में आगे की जानकारी जांच के दौरान सामने आएगी। चूंकि मॉड्यूल ने कई उम्मीदवारों को ठगा है, इसलिए इस सांठगांठ में अधिक संख्या में सहयोगियों की संलिप्तता का संदेह है।