नई दिल्ली 04 जनवरी। दुनिया की दिग्गज तकनीकी कंपनी एपल ने सीरी जासूसी मामले को लेकर 9.5 करोड़ डॉलर (करीब 815 करोड़ रुपये) के भुगतान पर सहमति जताई है। एपल उस मुकदमे का निपटारा करना चाहती है जिसमें आईफोन और अन्य ट्रेंडी डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले लोगों की जासूसी करने के लिए अपने वर्चुअल असिस्टेंट सीरी को तैनात करने का आरोप लगा। कैलिफोर्निया व ओकलैंड की संघीय अदालत में दायर प्रस्तावित समझौता 5 वर्ष पुराने मुकदमे का समाधान करेगा।
आरोप था कि आईफोन, आईपैड और बाकी एपल डिवाइस में Siri यूजर्स की प्राइवेट बातों को सुन रहा है. दरअसल, ये पूरा मामला एपल यूजर्स की निजी बातचीत को सुनने से जुड़ा है जिसके लिए एपल के डिजिटल असिस्टेंट सिरी का इस्तेमाल हुआ. रिपोर्ट्स के मुताबिक, न केवल यूजर्स की बातचीत को रिकॉर्ड और स्टोर किया गया है बल्कि रिकॉर्डिंग को थर्ड पार्टी के साथ भी शेयर किया गया है.
एपल का क्या है कहना?
बेशक एपल पर सालों से इस बात के आरोप लगते आ रहे हैं लेकिन कंपनी अपनी बात पर टिकी है कि हमने कभी कोई गलत काम नहीं किया है. एपल को 95 मिलियन डॉलर का जुर्माना देना है, इस फंड में से प्रभावित एपल यूजर्स को प्रति डिवाइस अधिकतम 20 डॉलर (लगभग 1715.29 रुपये) का भुगतान किया जाएगा. यही नहीं, एपल को यूजर्स को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि निजी बातचीत का रिकॉर्डिंग डेटा रिमूव कर दिया गया है. कंपनी को यह भी स्पष्ट करना होगा कि सीरी द्वारा वॉइस डाटा कैसे उपयोग किया जाएगा। इस मामले में फिलहाल कोर्ट की मुहर लगनी बाकी है.
705 अरब डॉलर का मुनाफा
यह समझौता सितंबर 2014 से एपल द्वारा अर्जित 705 अरब डॉलर के मुनाफे का एक छोटा हिस्सा है। यदि कंपनी वायरटैपिंग और अन्य गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन करती पाई जाती है और मामला सुनवाई के लिए जाता है तो इसका भुगतान भी एपल को करना पड़ सकता है।
बेशक एपल और सिरी से जुड़ी ये घटना पांच साल पुरानी हो चुकी है लेकिन इस घटना के सामने आने से कंपनी जो एपल चलाने वाले यूजर्स को सिक्योर और प्राइवेसी की गारंटी देती है, अब उस गारंटी पर सवाल खड़े होने लगे हैं. कंपनी ने जुर्माना भरने की शर्त को मानकर यूजर्स का विश्वास फिर से जीतने की दिशा में एक कदम बढ़ाया है.