कोलकाता 03 सितंबर। पश्चिम बंगाल के आर जी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के रेप और मर्डर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की काफी किरकिरी हुई, जिसके बाद आज ममता बनर्जी की सरकार ने बंगाल की विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश किया, इस बिल के तहत दोषी को 10 दिन में फांसी देने का प्रावधान है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 28 अगस्त को टीएमसी छात्र परिषद के स्थापना दिवस समारोह के दौरान इस विधेयक का वादा किया था. जानिए इस बिल में क्या-क्या प्रावधान हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर राजभवन से इस विधेयक को पास नहीं किया गया तो वह विरोध-प्रदर्शन करेंगी. जानकारी के मुताबिक ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024’ नाम से पेश इस विधेयक का उद्देश्य रेप और यौन अपराधों से संबंधित नए प्रावधानों को पेश करके महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करना है. बता दें, राज्य के कानून मंत्री मलय घटक सदन में इस विधेयक को पेश करेंगे.
जानकारी के मुताबिक विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी भी इस बिल का समर्थन कर रही है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस बिल को समर्थन देने का फैसला किया है, लेकिन हम लोग अपनी मांग पर अभी भी अड़े हैं. हमारी मांग है कि घटना की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम ममता बनर्जी अपने पद से इस्तीफा दें.
बताते चले कि इससे पहले कोलकाता में एक छात्र संघ ने इस घटना के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया था, जिसमें करीब 6 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. वहीं, विरोध-प्रदर्शन को उग्र होता देख पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े.
बता दें कि ‘अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट) बिल 2024’ के नाम से आया ये बिल अगर कानून बनता है तो ये पूरे बंगाल में लागू हो जाएगा.इस संशोधन के जरिए महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले सभी यौन अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती बना दिया गया. इसका मतलब हुआ कि ऐसे अपराधों में पुलिस बिना किसी वारंट के भी आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है और उसे जमानत मिलनी भी मुश्किल हो जाएगी. इतना ही नहीं, इस बिल में सभी यौन अपराधों में मौत की सजा तक का प्रावधान किया गया है. जबकि, भारतीय न्याय संहिता में रेप से जुड़े सभी अपराधों में मौत की सजा का प्रावधान नहीं है.
ममता सरकार के नए बिल में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कुछ उन धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव है, जो महिला अपराधों के लिए सजा का प्रावधान करती हैं. इनमें धारा 64, 66, 68, 70, 71, 72, 73 और 124 में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है.
इसके अलावा, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 193 और 346 में संशोधन का प्रस्ताव है. जबकि, पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6, 8, 10 और 35 में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है.