बाराबंकी 18 दिसंबर। यूपी के बाराबंकी में जमीन की पैमाइश के नाम पर 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए एक लेखपाल और उसके मुंशी को अयोध्या से आई एंटी करप्शन की टीम ने धर दबोचा. इस कार्यवाही में हस्तक्षेप कर रहे एक अन्य लेखपाल को भी एंटी करप्शन टीम अपने साथ लेकर चली गई है. नवाबगंज तहसील गेट के सामने से हुई गिरफ्तारी की खबर के बाद लेखपालों के बीच हड़कंप है. वहीं नाराज लेखपालों ने पूरे दिन धरना प्रदर्शन किया.
तहसील नवाबगंज गेट के पास एंटी करप्शन टीम ने गदिया और भुहेरा के लेखपाल दीपक कुमार यादव और उसके निजी सहायक शमशेर को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए धर दबोचा. इसी दौरान इस कार्यवाही का विरोध कर रहे एक दूसरे लेखपाल सुनील कुमार को भी सन्दिग्ध मानते हुए एंटी करप्शन टीम ने हिरासत में ले लिया. इसकी सूचना मिलने पर तमाम सहयोगी लेखपाल संघ जिलाध्यक्ष आशुतोष वर्मा के नेतृत्व में नगर कोतवाली पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे.
कोतवाली में पता चला कि एंटी करप्शन टीम आरोपी लेखपालों को एसपी आवास लेकर गई है. इसके बाद लेखपालों का जत्था एसपी आवास पहुंच गया, लेकिन वहां भी एंटी करप्शन की टीम नहीं मिली. इसके बाद लेखपालों ने अपहरण की आशंका जताते हुए एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया. घंटों बाद लेखपाल सुनील से पता चला कि एंटी करप्शन की टीम आरोपी लेखपाल और उसके मुंशी को सफदरगंज थाने ले गई है.
एंटी करप्शन टीम प्रभारी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि कोठी थाना क्षेत्र के पीरपुर निवासी बलवंत यादव ने शिकायत की थी कि सफेदाबाद के पास स्थित भुहेरा गांव में उसके नाना की जमीन है. नाना ने इसकी वरासत उनकी मां मीना देवी के नाम पर काफी साल पहले कर दी थी. वह चाहता था कि तहसील से पैमाइश हो जाए. उसने पैमाइश के लिए आवेदन किया तो उसे यह कहकर खारिज कर दिया गया कि आसपास आबादी है. इस पर उसने लेखपाल से संपर्क किया तो उसने अपनी निजी सहायक मुंशी शमशेर से मिलवा दिया और कहा कि इनसे मिल लो काम हो जाएगा. कई बार दौड़ने पर भी पैमाइश नहीं हो सकी.
पैमाइश के लिए लेखपाल दीपक कुमार यादव ने 20 हजार रुपये मांगे थे. इसके बाद बलवंत ने एंटी करप्शन में शिकायत की थी. एंटी करप्शन टीम ने योजना बनाई और मंगलवार को लेखपाल को तहसील गेट के सामने रिश्वत लेते धर दबोचा. लेखपाल सुनील को संदिग्ध पाए जाने पर हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया गया है.