Date: 08/09/2024, Time:

दिल्ली में एक और किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश, क्राइम ब्रांच ने 8 आरोपियों को किया गिरफ्तार

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नई दिल्ली 19 जुलाई। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का पर्दाफाश किया है. क्राइम ब्रांच की टीम ने इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट का रैकेट चला रहे थे. यह पूरा रैकेट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देश के 5 राज्यों- दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, एमपी और गुजरात में स्थित अस्पतालों में चलाया जा रहा था.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश कर मामले में 8 आरोपियों की गिरफ्तारी करने के बाद इसमें आगे की जांच भी शुरू कर दी है. इस रैकेट में और लोगों की संल‍िप्तता होने की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है. इस पूरे मामले को लेकर क्राइम ब्रांच की ओर से प्रेस कांफ्रेंस की गई है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी अमित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कैसे ये पूरा रैकेट चलाया जाता था.

क्राइम ब्रांच ने बताया कि इस स‍िंड‍िकेट का भंडाफोड़ के एक मह‍िला की श‍िकायत के बाद हुआ ज‍िसके पत‍ि से क‍िडनी ट्रांसप्‍लांट के नाम पर 35 लाख रुपए ठग ल‍िए गए थे. गैंग द‍िल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में सक्रिय था. डीसीपी अमित गोयल ने बताया क‍ि आईएससी, क्राइम ब्रांच को एक सुसंगठित रैकेट के बारे में गुप्त सूचना म‍िली थी जोक‍ि भारतीय नागरिकों के अवैध किडनी प्रत्यारोपण में शामिल है. इस सूचना को पुख्‍ता क‍िय गया और सिंडिकेट का पता लगाने पर काम क‍िया गया. पीड़ितों की पहचान के दौरान, एक महिला शिकायतकर्ता ने संदीप और विजय कुमार कश्यप उर्फ ​​​​सुमित के खिलाफ शिकायत दी कि उन्होंने किडनी प्रत्यारोपण के बहाने उसके पति से ₹​​35,00,000/- की धोखाधड़ी की है.

26 जून को टेक्‍निकल सर्व‍िलांस की मदद से संबंधित पात्रों की पहचान की गई और एसीपी/आईएससी इंस्‍पेक्‍टर रमेश लांबा और सत्‍येंद्र मोहन की समग्र देखरेख और इंस्पेक्टर पवन और महिपाल के नेतृत्‍व में टीम गठ‍ित की गई और कई जगहों पर टीमों ने छापेमारी की. आरोपी सुमित उर्फ ​​विजय कश्यप जोक‍ि लखनऊ का रहने वाला है, उसको नोएडा से गिरफ्तार किया गया और उसके कब्जे से बहुत सारे फर्जी कागजात, स्टांप सील और रोगी/दाता फाइलें बरामद की गईं. इसके बाद संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर ल‍िया गया. इसके 28 जनू को, संदीप आर्य और देवेंद्र दोनों जोक‍ि उत्तराखंड के रहने वाले हैं, इन दोनों को गोवा के एक फाइव स्‍टार होटल से गिरफ्तार किया गया.

क्राइम ब्रांच ने बताया कि इसके सरगना समेत कुल 15 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है जोक‍ि इस पूरे गोरखधंधे का संचालन कर रहा था. इन सभी में क‍िंगप‍िन के साथ अस्पतालों के ट्रांसप्‍लांट कॉर्ड‍िनेटर, मरीज और डोनर्स शामिल हैं. आरोपी व्यक्तियों के कब्जे से स्टांप, विभिन्न प्राधिकरणों की मुहर, विभिन्न अस्पतालों और प्रयोगशालाओं के खाली कागजात, मरीजों और किडनी प्रत्यारोपण के डोनर्स के जाली दस्‍तावेजों की फाइलें और अन्य महत्वपूर्ण जाली आईडी दस्तावेजों सहित बहुत सी आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई हैं. इनके पास से पुल‍िस ने 34 नकली टिकटें, 17 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप, 9 सिम, 1 लग्जरी कार, ₹1,50,000, जाली दस्तावेज और मरीजों/रेसीप‍िएंट्स और डोनर्स की फाइलें बरामद की हैं.

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