श्रीनगर 17 जून। अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने पूरे यात्रा मार्ग को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित किया है। यह फैसला पहलगाम हमले को ध्यान में रखकर लिया गया है।
इसके तहत अमरनाथ यात्रा के पहलगाम और बालटाल वाले दोनों रास्तों पर हर तरह के हवाई उपकरण- ड्रोन, यूएवी (UAVs), और गुब्बारे प्रतिबंधित रहेंगे। यह फैसला 1 जुलाई से 10 अगस्त तक प्रभावी रहेगा। यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी।
हालांकि, ये प्रतिबंध मेडिकल इवैक्युएशन, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा बलों की तरफ से की जा रही निगरानी उड़ानों पर लागू नहीं होंगे। इनके लिए एक अलग स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जल्द ही जारी की जाएगी।
आदेश में कहा गया है कि 3 जुलाई से शुरू होने वाली श्री अमरनाथजी यात्रा के मद्देनजर यात्रा के सुचारू और शांतिपूर्ण संचालन के लिए सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। आदेश में कहा गया है कि सभी हितधारकों ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा की है और अतिरिक्त रसद प्रावधानों का प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह भी सलाह दी है कि श्री अमरनाथजी यात्रा के पूरे मार्ग को 1 जुलाई से 10 अगस्त तक ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित किया जा सकता है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए श्रीनगर बालटाल और पहलगाम मार्ग पर चेहरे की पहचान करने वाली प्रणाली (एफआरएस) तैनात की है।
एफआरएस निगरानी कैमरे के फीड से चेहरे की विशेषताओं का विश्लेषण करके और उन्हें एक केंद्रीकृत डेटाबेस से मिलान करके सक्रिय आतंकवादियों और संदिग्ध ओवरग्राउंड वर्करों सहित ब्लैक लिस्टेड व्यक्तियों की पहचान करता है। जब किसी चिह्नित व्यक्ति का पता चलता है, तो एक हूटर अलर्ट ट्रिगर करता है। यह सुरक्षा कर्मियों को तत्काल कार्रवाई करने और वास्तविक समय में खतरे को बेअसर करने में सक्षम बनाता है।
इसके इलावा अमरनाथ यात्रा के हर रूट पर हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है। ये सभी बड़े बदलाव पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आतंक पर पूरी तारा से नकली कसने के लिए उठाए जा रहे हैं है।