वाशिंगटन, 19 मार्च। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स 286 दिनों के बाद धरती पर वापस लौट आई हैं। अंतरिक्ष एजेंसी-नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक सुनीता और बैरी विल्मोर समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर लौटा यान तड़के 3.27 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा में समुद्र तल पर उतारा। इस मिशन में नासा के साथ एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का भी उल्लेखनीय सहयोग रहा। फ्लोरिडा में स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से लौटे चारों अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी की नासा ने पुष्टि की।
नासा ने अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के बाद आधिकारिक बयान में कहा, सभी अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित धरती पर लौट चुके हैं। नासा ने कहा कि सभी यात्रियों की तबीयत ठीक है। उन्हें निगरानी में रखा जाएगा। समुद्र से बाहर निकाले जाने की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए नासा ने कहा, कोस्ट गार्ड की टीम ने शानदार काम किया। सफल वापसी के बाद स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने भी बधाई दी। मस्क ने कहा कि स्पेसएक्स और नासा की टीमों ने एक और सुरक्षित अंतरिक्ष यात्री वापसी कराने में सफलता पाई है। इसके लिए बधाई। उन्होंने इस मिशन को प्राथमिकता देने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद भी दिया।
पीएम मोदी ने सुनीता विलियम्स और उनके पिता के साथ साझा की तस्वीर
सुनीता विलियम्स के धरती पर वापस लौटने पर पीएम मोदी ने खुशी जताई और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर लिखा आपका स्वागत है क्रू-9, धरती ने आपको याद किया। यह उनके धैर्य, साहस और मानवीय भावना की परीक्षा रही। सुनीता विलियम्स और क्रू-9 के अंतरिक्ष यात्रियों ने एक बार फिर हमें दिखाया है कि दृढ़ता का वास्तव में क्या मतलब है। अज्ञात के सामने उनका अटूट दृढ़ संकल्प हमेशा लाखों लोगों को प्रेरित करेगा। अंतरिक्ष अन्वेषण का मतलब है मानवीय क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाना, सपने देखने का साहस करना और उन सपनों को हकीकत में बदलने का साहस रखना। सुनीता विलियम्स, एक पथप्रदर्शक और एक प्रेरणा है जिन्होंने अपने पूरे करियर में इस भावना का उदाहरण दिया है। हमें उन सभी पर बहुत गर्व है जिन्होंने क्रू-9 की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अथक मेहनत की। उन्होंने दिखाया है कि जब सटीकता, जुनून से मिलती है और तकनीक, दृढ़ता से मिलती है तो क्या होता है। बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स नौ महीने बाद धरती पर वापसी हुई है। उनका स्पेसएक्स कैप्सूल फ्लोरिडा की खाड़ी में पैराशूट के जरिए सुरक्षित उतरा। जिसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, सफलता के इन पलों के बीच एक समय ऐसा भी आया जब लोग चिंता में डूब गए। यह वह समय था मिशन नियंत्रकों का अंतरिक्ष यात्रियों को वापस ला रहे क्रू ड्रैगन कैप्सूल से संपर्क टूट गया। इस दौरान पूरे अभियान से जुड़े लोगों की सांसे अटकीं रही।
हालांकि, सात मिनट बाद ही आज तड़के लगभग 3.20 बजे स्पेसक्राफ्ट से संपर्क फिर से बहाल हुआ। लेकिन सात मिनट का यह ब्लैकआउट का समय किसी भी स्पेसक्राफ्ट के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के लिए बहुत निर्णायक होता है। इस दौरान तापमान सामान्य से बहुत अधिक होने के कारण स्पेसक्राफ्ट के क्रैश होने की संभावना बढ़ जाती है।