Date: 22/12/2024, Time:

यूपी में बीजेपी के सभी 8 प्रत्याशियों की जीत, जीती बाजी हारीं सपा-कांग्रेस

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लखनऊ 28 फरवरी। उत्तर प्रदेश, हिमाचल और कर्नाटक की 15 राज्यसभा सीटों पर मंगलवार को चुनाव हुए. बीजेपी ने चुनाव में हारी बाजी जीतने का काम किया है जबकि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जीती बाजी हार गई. विधानसभा सदस्यों के लिहाज से हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पास राज्यसभा में जीतने का पूरा नंबर गेम था तो यूपी में सपा के पास अपने तीसरे कैंडिडेट के जिताने का आंकड़ा था. इसके बावजूद बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश में हर्ष महाजन और यूपी में संजय सेठ को उम्मीदवार ही नहीं बनाया बल्कि उन्हें जीत दिलाने का काम भी किया. ऐसे में सवाल उठता है कि हिमाचल और यूपी में बीजेपी ने कैसे राज्यसभा चुनाव का गेम पलटकर सियासी बाजी अपने नाम कर ली?

देश के 15 राज्यों की 56 राज्यसभा सीटों पर चुनाव हुए हैं, जिसमें अलग-अलग 12 राज्यों की 41 सीट पर निर्विरोध सदस्य चुन लिए गए थे. कर्नाटक की 4, उत्तर प्रदेश की 10 और हिमाचल की एक राज्यसभा सीट पर मंगलवार को चुनाव हुए. कर्नाटक की 4 सीटों में से 3 सीटें कांग्रेस और एक सीट बीजेपी जीतने में कामयाब रही जबकि उत्तर प्रदेश की 10 में से 8 सीट बीजेपी और दो सीट सपा ने जीती है.

उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे जारी हो गए हैं. वहीं इस चुनाव में बीजेपी के सभी आठ उम्मीदवारों की जीत हुई है और समाजवादी पार्टी के दो उम्मीदवार ही जीते हैं. इस चुनाव में सपा उम्मीदवार जया बच्चन को सबसे अधिक 41 वोट मिले हैं. इसके साथ ही सपा के दूसरे उम्मीदवार रामजी लाल सुमन को 40 वोट मिले हैं. हालांकि सपा के तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन को महज 19 वोट ही मिल पाए और सपा विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से सपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ 29 वोट लाकर जीत गए.

सपा ने राज्यसभा चुनाव में सांसद जया बच्चन, रिटायर आईएएस अधिकारी और यूपी के पूर्व मुख्‍य सचिव आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा था. इनमें से आलोक रंजन की हार हुई है. समाजवादी पार्टी के सात विधायकों ने क्रॉस वोट करके बीजेपी के सभी उम्मीदवारों को विजय दिला दी. वहीं बसपा के एक मात्र विधायक ने बीजेपी को अपना वोट दिया.

राज्यसभा चुनाव में किसे मिले कितने वोट?
सुधांशु त्रिवेदी (बीजेपी)- 38 वोट
आरपीएन सिंह (बीजेपी)- 37
तेजवीर स‍हिं (बीजेपी)- 38 वोट
नवीन जैन (बीजेपी)- 38 वोट
साधना सिंह (बीजेपी)- 38 वोट
संगीता बलवंत (बीजेपी)- 38 वोट
अमरपाल मौर्य (बीजेपी)- 38 वोट
रामजी लाल (समाजवादी पार्टी)- 40 वोट
जया बच्चन (समाजवादी पार्टी)- 41
आलोक रंजन (समाजवादी पार्टी)- 19 वोट

बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर कुल 11 उम्मीदवार मैदान में थे. समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था जबकि बीजेपी ने पहले सात प्रत्याशी उतारे थे लेकिन बाद में उसने संजय सेठ के रूप में आठवां उम्मीदवार भी खड़ा कर दिया था, इस वजह से चुनाव आवश्यक हो गया था.

राज्यसभा चुनाव की वोटिंग से कुछ पहले सपा विधायक मनोज कुमार पांडेय ने मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद सपा के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की, जिसमें मनोज कुमार पांडेय, राकेश पांडेय, राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य शामिल थे. वहीं, अमेठी से विधायक महाराजी देवी वोट देने ही नहीं पहुंची. अखिलेश यादव एनडीए खेमे से सुभासपा के एक विधायक का वोट अपने प्रत्याशी के पक्ष में कराने में कामयाब रहे, लेकिन उनके सात विधायकों की क्रॉस वोटिंग और एक विधायक की गैर-हाजिर होने से सारा खेल ही बिगड़ गया. इस तरह सपा अपनी जीती बाजी हार गई तो बीजेपी हारी चुनावी बाजी को अपने नाम कर लिया.

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