प्रयागराज 21 अप्रैल। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि उनकी पार्टी 2027 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी. उनका यह रुख बीते कुछ चुनावों में पार्टी के रुख और इंडिया गठबंधन के भीतर बनी तकरार की स्थिति को देखते हुए काफी अहम है. बीते साल हरियाणा और उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे को लेकर तनाव दिखा था. दोनों जगहों पर कोई गठबंधन नहीं हो सका. इस बीच अखिलेश की रणनीति पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक यानी पीडीए फॉर्मूले के जरिए भाजपा को चुनौती देने की है.
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि भाजपा का मुख्य एजेंडा जनता को बांटना और जमीन पर कब्जा करना है। वक्फ संशोधन कानून पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून भाजपा की जमीन हड़पने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने बीजेपी को “भू-माफिया पार्टी” करार दिया।
उन्होंने भाजपा सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए नोटबंदी और जीएसटी को व्यापारियों और आम जनता के लिए नुकसानदायक बताया। उन्होंने कहा कि इन फैसलों ने लोगों की कमर तोड़ दी है। साथ ही उन्होंने भाजपा पर आरक्षण के अधिकार को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
यादव ने प्रयागराज में महाकुंभ के आयोजन के संबंध में भाजपा की कार्यप्रणाली की भी आलोचना की तथा वादा किया कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो ‘कुप्रबंधन’ की जांच कराई जाएगी. सपा प्रमुख ने दावा किया कि सरकार ने घटना के दौरान हताहतों की संख्या और वित्तीय लाभ के बारे में गलत आंकड़े दिए, और आरोप लगाया कि जनवरी में भगदड़ के दौरान ड्रोन और सीसीटीवी निगरानी विफल रही.
यादव ने दावा किया, “जिस समय (भगदड़ के समय) ड्रोन और सीसीटीवी की सबसे अधिक जरूरत थी, उस समय ये या तो बंद थे या बंद करा दिए गए थे. इन्होंने संगम नोज पर भगदड़ में मारे गए लोगों की सही संख्या नहीं बताई और मृत्यु के कारण बदलने के लिए परिजनों पर दबाव बनाया.”
सपा प्रमुख ने संवाददाता सम्मेलन में प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर स्वयं द्वारा दिए गए सुझावों को एक पुस्तिका के रूप में तब्दील कर पत्रकारों को उपलब्ध कराया. साथ ही उन्होंने 2013 में हुए प्रयागराज कुंभ मेले को लेकर हावर्ड विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन की रिपोर्ट भी उपलब्ध कराई.