Date: 10/12/2024, Time:

अखिलेश जी ! शायद मुददों पर विपक्ष की पकड़ ही नहीं है, सीएम साहब ! जनसमस्याओं के समाधान के लिए जमीनी स्तर पर प्रयास की है आवश्यकता

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चित्रकूट में यूपी के मुख्यमंत्री की फ्लीट के आगे गोवंशियों के आ जाने के मामले पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर सरकार को घेरने का प्रयास करते हुए कहा कि जानलेवा मुददों को छुटटा पशुओं की तरह अनाथ नहीं छोड़ा जाएगा। प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का कथन और चिंतन बिल्कुल निरर्थक नहीं कहा जा सकता।
प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने जबसे कार्यभार संभाला है उनके द्वारा हर प्रकार की जनसमस्याओं के समाधान और कानून व्यवस्था को लागू कराने एवं गोवंश के साथ साथ तमाम पशुओं की सुरक्षा एवं आम आदमी को सरकारी योजनाओं के लाभ उपलब्ध कराने के साथ ही सुरक्षा पूर्ण माहौल और सस्ता न्याय दिलाने की भरपूर कोशिश ही नहीं की जा रही बल्कि उसके लिए बजट भी दिया जा रहा है और नए अधिकारियों की तैनाती के साथ ही सख्त कदम उठाए जाते हैं फिर भ्ीा इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्रदेश में नागरिकों के समक्ष सुरसा के मुंह की भांति नई नई परेशानियां जो उभरकर आ रही है उनमें बढ़ोत्तरी ही नजर आती है।
जहां तक यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का यह कथन है कि जानलेवा मुददों को छुटटा पशुओं की तरह अनाथ नहीं छोड़ा जाएगा उस पर तो यही कह सकता हूं कि आदरणीय नेताजी जनमानस से संबंध और उसे पीड़ा पहुंचाने वाले कष्टदायक और उसकी पारीवारिक व्यवस्था में रोड़ा बने रहे मुददों का या तो विपक्ष को ज्ञान नहीं है या उसे हल्के फुल्के मुददे उठाने से फुरसत नहीं है वरना इस समय जितने बिंदु जनसमस्याओं से संबंध समाज में चर्चित और दृष्टिगोचर हो रहे हैं अगर उन पर विपक्षी नेता ध्यान दें तो चारों तरफ उनका गुणगान होते देर नहीं लगेगी।
इसके लिए सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि सपा हो या कांग्रेस आप हो या बसपा कोई सी भी पार्टी हो हर गली मोहल्ले में देश प्रदेश में कार्यकर्ता सभी के मौजूद हैं। अगर उन्हें जनसमस्याओं की जानकारी करने या आए दिन मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले जनहित के मुददों को एकत्र कर केंद्रीय नेतृत्व को भेजने और फिर उनकी समीक्षा कर उन्हें उठाया जाए तो वाकई विपक्ष जागरूक और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम साबित हो सकता है। ऐसा होने पर आम मतदाता तक उसकी पकड़ बनेगी इससे इनकार नहीं कर सकते।
अब सवाल यह उठता है कि योगी आदित्यनाथ जी द्वारा जब से सीएम की कुर्सी संभाली गई है तब से आजतक विपक्षी दल उन पर कोई गंभीर आरोप किसी भी प्रकार का नहीं लगा पाया है व्यक्तिगत रूप से। जिस प्रकार से वो प्रदेश का भ्रमण करते हुए सक्रिय हैं उससे यह भी कहा जा सकता है कि उनकी सरकार भी जनहित की समस्याओं का समाधान कराने में पीछे नहीं है तो मुख्यमंत्री जी जब सबकुछ आपकी सरकार विभागीय अधिकारियों को दे रही है और आपके प्रतिनिधियों की भी कमी आम आदमी तक सुविधाएं पहुंच रही है या नहीं इसकी निगरानी करने में कम नहीं है तो फिर वह कौन से कारण हो सकते हैं जो आप तो प्रयास कर रहे हैं मगर वो लागू नहीं हो रहे।
इस बारे में जहां तक मेरा नजरिया है उसके हिसाब से तो यही कहा जा सकता है कि कुछ अपने आप को सरकार और सत्ताधारी दल का निकट दर्शाने वाले अधिकारी सरकारी योजनाएं पात्रों तक पहुंचाने उन्हें सस्ता और सुलभ न्याय तथा भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने की बजाय अपने अपने आकाओं की चाटुकारिता या उनकी हाजिरी लगाने के अतिरिक्त बिना यह सोचे कि उनकी कार्यप्रणाली से सरकार की छवि पर क्या फर्क पड़ेगा वो काम कम सुविधा के साधन ज्यादा जुटा रहे हैं।
माननीय मुख्यमंत्री जी इसके अलावा जिन जनप्रतिनिधियों और आपके कार्यकर्ताआंे के कंधों पर नागरिकों की खुशहाली और सरकार के कार्यों से उन्हें अवगत कराने अथवा योजनाओं को नौकरशाह से लागू कराने की जिम्मेदारी है वो क्या कर रहे हैं। इसकी समीक्षा भी आपको करनी होगी। आप और आपकी सरकार काम करने का प्रयास और हर प्रकार की परेशानी का हल जनता के ढूंढने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है लेकिन जिन सहयोगियों को इस जिम्मेदारी को निभाना है वो या तो मूकदर्शक बन गए हैं अथवा यह कहे कि कहीं सुनवाई नहीं है तो क्या कर सकते हैं कहकर काम चलने वाला नहीं है। हर जिले में सांसद विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों की एक समिति मुझे लगता है कि अपने वरिष्ठ नेताओं कार्यकर्ताओं की अध्यक्षता में बनाई जाए या संघ परिवार को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए कि वो तीन महीने में हर जिम्मेदार नेता ने क्या क्या किया उसका फीडबैक तलाश कर उस पर अमल किया जाए तो नागरिकों की काफी प्रतिशत समस्याएं हल हो सकती हैं।
सीएम साहब आपने मंत्री और विधायक मिलकर साथ चलें का बीते दिवस माननीयों को बुलाकर एक अच्छा संदेश दिया। किसीदिन उपचुनाव जीतकर आए विधायकों को शपथ भी दिलाई गई। यह भ्ीा कहा कि माननीयों के आने जाने का हिसाब रखा जाएगा। यह सभी बातें इस सरकार के सफल संचालन के लिए जरूरी है। बस प्रयास यह हों कि जो संदेश आपने दिया वो लागू हो जाए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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