लखनऊ 20 मई। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने एक बार फिर भतीजे आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें पार्टी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया है. जिसके बाद पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं और तमाम पदाधिकारियों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. बसपा सुप्रीमों ने उन्हें देशभर में युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ने की जिम्मेदारी दी है. आकाश आनंद से युवाओं के बीच काफी पॉपुलर भी रहे हैं. यही नहीं बिहार विधानसभा चुनाव में भी इसका असर देखने को मिलेगा.
लखनऊ में रविवार को बहुजन समाज पार्टी की अहम बैठक में आकाश आनंद को लेकर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया. जिसके बाद वो एक बार फिर से पार्टी ने नंबर दो की पॉजिशन पर आ गए हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें बिहार चुनाव की जिम्मेदारी दी है. ऐसे में उनके साथ ये सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा होगी. आकाश आनंद न सिर्फ बिहार चुनाव में प्रचार करेंगे बल्कि चुनाव की रणनीति बनाने में भी उनकी अहम भूमिका होगी.
बिहार में बसपा का 25-30 सीटों पर कैडर मजबूत रहा है. हालांकि पार्टी यहां कभी मजबूत शक्ति के तौर पर नहीं उभरी है. 2020 के विधानसभा चुनाव में बसपा को एक सीट पर जीत भी हासिल हुई थी. बसपा ने इस बार अकेले ही बिहार चुनाव में उतरने का ऐलान किया है. हालांकि जानकारों का मानना है बसपा जैसी पार्टी अगर अकेले उतरती है तो उसकी राह आसान नहीं होगी.
आकाश आनंद अब बसपा के साथ युवाओं को जोड़ने की मुहिम चलाएंगे और देश भर में दलित उत्पीड़न के मामलों के विरोध में आवाज बुलंद करते हुए दिखाई देंगे. सूत्रों के मुताबिक मायावती की ओर से उन्हें स्पष्ट तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि पार्टी के संगठन को जमीनी स्तर पर मज़बूत किया जाए और बसपा के वोटरों को एकजुट करके रखा जाए, ताकि विरोधी दल उसमें सेंध न लगा सकें.
बीते कुछ सालों में बहुजन समाज पार्टी लगातार उत्तर प्रदेश में कमजोर होती जा रही है. भारतीय जनता पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आज़ाद समाज पार्टी ने उसके वोटबैंक बड़े पैमाने पर सेंध लगाई है. लेकिन अब बसपा एक बार फिर से खुद को मजबूत करने में जुटी है. आकाश आनंद की बसपा में वापसी से पार्टी के अंदर उत्साह देखने हैं. पार्टी के अंदर भी उनकी लोकप्रियता है.