लखनऊ,19 मई। बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए मुख्य नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया है। धमाकेदार वापसी के साथ नंबर दो की स्थिति में आए आकाश आनंद अब इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार की बागडोर संभालेंगे। इसी के साथ मायावती ने बिहार चुनाव बिना किसी गठबंधन के अकेले लड़ने का फैसला किया है।
दिल्ली में रविवार को हुई बसपा की महत्वपूर्ण बैठक में आकाश आनंद को सर्वसम्मति से यह जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय हुआ। मायावती ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि उम्मीद है कि इस बार, यह पार्टी व मूवमेन्ट के हित में, हर प्रकार की सावधानी बरतते हुए, पार्टी को मजबूत बनाने में अपना सराहनीय योगदान देगा। बसपा प्रमुख ने देश भर में पार्टी के कार्यक्रमों की व्यवस्था के लिए बहुजन वालन्टियर फोर्स (बीवीएफ) को पहले की तरह संगठित करने पर जोर दिया।
आकाश आनंद अब पार्टी में नंबर दो की स्थिति में आ गए हैं। बसपा के तीन राष्ट्रीय समन्वयकों, राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, रणधीर बेनीवाल और राजाराम को निर्देश दिया गया कि वे अब आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे। इनमें रामजी गौतम बिहार के प्रभारी भी हैं।
मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पहले निष्कासित कर दिया था। करीब एक महीने बाद मायावती ने अपना रुख बदलते हुए आकाश आनंद को पार्टी में वापस ले लिया लेकिन अशोक सिद्धार्थ के लिए पार्टी के दरवाजे बंद ही रहे। पिछले महीने 13 अप्रैल को आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिख कर अपनी गलतियों को मानते हुए बसपा प्रमुख से माफी मांगी और उनके नेतृत्व में पूरी तरह आस्था जताई।
आकाश युवा व प्रगतिवादी
आकाश आनंद युवा हैं और भाषा व राजनीतिक विषय पर उनकी सोच समझ एक प्रगतिवादी युवा की रही है। जहां वह फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं वहीं हिन्दी में भी पार्टी कार्यकर्ताओं से उनके संवाद की शैली भी उग्र और हमलावर के रूप में रहती है। कमोबेश आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर भी ऐसी ही शैली अपनाते रहे हैं। उनकी रफ्तार थामने की रणनीति है।
मायावती ने पार्टी के पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि खासकर महापुरुषों के अनादर/अपमान तथा दलित उत्पीड़न आदि के मामलों में पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल के रूप में पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना दिलाने एवं सरकार से दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करके पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास कानूनी व शान्तिपूर्ण तरीके से जारी रखें। बसपा ने तय किया कि बिहार विधानसभा के लिए इस वर्ष के अन्त में होने वाले आमचुनाव पार्टी अकेले अपने बलबूते पर अपनी पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ेगी। मायावती ने कहा कि बीएसपी ही लोगों की उम्मीदों की एकमात्र किरण है।