Date: 23/11/2024, Time:

अग्निकुल ने लांच किया अग्निबाण रॉकेट

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नई दिल्ली 31 मई। भारत ने दुनिया को एक बार फिर अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी क्षमता और आत्मनिर्भरता की झलक दिखाई है। देश के अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस ने जब गुरुवार को दुनिया का पहला 3डी रॉकेट लॉन्च कर कीर्तिमान रचा तो हर भारतीय का सीना चौड़ा हो गया। भारतीय प्राइवेट कंपनी ने सेमीक्रायोजेनिक इंजन से उड़ान भरने की क्षमता का भी पहली बार प्रदर्शन किया है।

अग्निबाण भारत का पहला सेमी-क्रायोजेनिक इंजन है। यह क्षमता अभी तक इसरो ने भी हासिल नहीं की है। अग्निबाण यह पूरी तरह से स्वदेशी है। आईआईटी मद्रास से जुड़े अग्निकुल कॉसमॉस की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई दी है। अग्निकुल कासमास ने श्रीहरिकोटा स्थित अपने परीक्षण केंद्र से स्वदेशी 3डी- प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट अग्निबाण को लॉन्च किया। अग्निबाण सेमी क्रायोजेनिक इंजन वाला भारत का पहला रॉकेट है।

अग्निबाण की सफल उप-कक्षीय परीक्षण उड़ान के साथ अग्निकुल कॉसमॉस यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की दूसरी प्राइवेट कंपनी बन गई। हैदराबाद की स्काईरूट एयरोस्पेस उप-कक्षीय रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च करने वाली भारत की पहली प्राइवेट कंपनी थी। स्काईरूट एयरोस्पेस ने नवंबर 2022 में यह उपलब्धि हासिल की थी। चेन्नई के अंतरिक्ष स्टार्ट-अप अग्निकुल ने गुरुवार सुबह 7.15 बजे अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलाजी डेमोंस्ट्रेटर (एसओआरटीईडी) को अपने प्राइवेट परीक्षण स्थल ‘धनुष’ से प्रक्षेपित किया। परीक्षण का सीधा प्रसारण नहीं किया गया।

मिशन का उद्देश्य स्वदेशी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करना, महत्वपूर्ण उड़ान डाटा एकत्र करना और अग्निबाण’ का परीक्षण करना है। अग्निकुल ने कहा, श्रीहरिकोटा में एसडीएससी-एसएचएआर के परिसर से अग्निबाण एसओआरटीईडी के पहले उड़ान-मिशन 01 की सफलता की घोषणा करते हुए हमें बेहद खुशी हो रही है। यह उपलब्धि हमने अपने और भारत के पहले तथा एकमात्र प्राइवेट प्रक्षेपण केंद्र से हासिल की जो श्रीहरिकोटा में एसडीएससी-एसएचएआर में है।

इस नियंत्रित उड़ान के सभी उद्देश्य पूरे हो गए। उड़ान का प्रदर्शन सामान्य रहा। रॉकेट पूरी तरह स्वदेश में डिजाइन किया गया है। यह दुनिया के पहले ‘3डी प्रिंटेड सिंगल इंजन’ से संचालित है। यह सेमी-क्रायो इंजन वाली भारत की पहली उड़ान भी है। सेमी क्रायोजेनिक इंजन एक प्रकार के रॉकेट इंजन होते हैं जो तरल और गैसीय प्रणोदक के संयोजन का उपयोग करते हैं।

बताते चले कि अग्निकुल को पांचवें प्रयास में अग्निबाण एसओआरटीईडी को लांच करने में सफलता मिली। 22 मार्च, छह अप्रैल, सात अप्रैल और 28 मई को तकनीकी कठिनाइयों के कारण परीक्षण को रद करना पड़ा था।

अग्निबान रॉकेट एक ऐसा दो-चरणीय लॉन्च वाहन है जो कस्टमाइजबल है। यह करीब 700 किलोमीटर की ऊंचाई पर कक्षा में 300 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है, कंपनी ने यह जानकारी दी है। रिपोर्टों की मानें तो इसकी तुलना स्पेसएक्स के फाल्कन हैवी से की जा सकती है जो कम ऊंचाई वाली कक्षा में 63,500 किलोग्राम वजन ले जा सकता है।

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