भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की तारीखें घोषित कर दी गई हैं। जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर 18 और 25 सितंबर व एक अक्टूबर को चुनाव होगा जबकि हरियाणा की 90 सीटों पर एक ही चरण में एक अक्टूबर को वोटिंग होगी और दोनों राज्यों में परिणाम चार अक्टूबर को आएंगे। महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव त्योहारों के बाद घोषित होने की संभवना है।
चुनाव तो चुनाव ही है लेकिन धारा 370 हटने के बाद अब दस साल के उपरांत जम्मू कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव अपने आप में काफी महत्वपूर्ण होंगे और यह भी कह सकते हैं कि जम्मू कश्मीर के चुनाव परिणाम केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रहित की भावना को ध्यान में रखते हुए धारा 370 को हटाने के लिए लिया गया निर्णय को कितना समर्थन मिला तय होगा। 114 सीटों वाली विधानसभा में 90 पर हो रहे चुनावों में जम्मू कश्मीर के नेता कितना उत्साह दिखाएंगे यह तो समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला द्वारा चुनाव लड़ने की घेाषणा की गई है लेकिन उनके बेटे व पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला द्वारा एक बयान में चुनाव लड़ने से इनकार किया गया है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने और जम्मू संभाग की ताकत कश्मीरी पंडितों एवं पीओके के विस्थापितों को प्रतिनिधित्व दिलाने का प्रयास करेंगे। अभी चुनाव घोषित हुए हैं इसलिए पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं की क्या स्थिति रहेगी यह कहना जल्दबाजी है। क्योंकि ना तो अभी किसका किसके साथ गठबंधन रहेगा और कौन किसके खिलाफ चुनाव लड़ेगा यह स्पष्ट हो पा रहा है। जम्मू 43 कश्मीर 47 और पीओके 24 कुल सीटें 114 चुनाव 90 पर कौन दल कितनी सीटों पर मुकददर अपनाएगा यह तो समय बताएगा लेकिन यह पक्का है कि भाजपा द्वारा शायद सभी सीटों पर अपने या सहयोगी दलों के उम्मीदवार उतारे जाएंगे। लेकिन एक बात विशेष रूप से कह सकते हैं कि सूबे में छोटे दल कमाल कर सकते हैं और अगर भाजपा ने घाटी से दूरी बनाने की कोशिश की तो इन दलों को आगे आने का मौका आसानी से मिल सकता है। क्या होगा क्या नहीं यह तो चार अक्टूबर को ही स्पष्ट होगा लेकिन फिलहाल यह कह सकते हैं कि जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी के आकर्षण का केंद्र बने रहेंगे। और अगर भाजपा और उसके सहयोगी दल सरकार बनाने में सफल रहे तो कई और बदलाव भी राष्ट्रहित में वहां हो सकते हैं। और पूर्व में 107 सीटों के स्थान पर 114 करने का लाभ भी केंद्र में सत्ताधारी दल को मिल सकता है। देखना यह है कि क्या क्या चुनाव रणनीति बनती है और उसमें मतदान तक कितने बदलाव होते हैं। फिलहाल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित किए गए चुनाव कार्यक्रम के अनुसार जम्मू-कश्मीर विधानसभा के बहुप्रतीक्षित चुनाव का आखिरकार एलान हो गया है जो तीन चरणों में होंगे। अनुच्छेद-370 हटने के बाद राज्य में यह पहला विधानसभा चुनाव होगा। इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने हरियाणा के विधानसभा चुनाव भी कराने का एलान किया है, जो सिर्फ एक चरण में होगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 18, 25 सितंबर और एक अक्टूबर होगा, जबकि हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान एक अक्टूबर होगा। दोनों राज्यों के नतीजे चार अक्टूबर को घोषित होंगे।
आयोग ने हाल ही में दोनों राज्यों का दौरा कर चुनावी तैयारियों को जांचा था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सहयोगी चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार एवं डा. सुखवीर सिंह संधू की मौजूदगी में गत दिवस जम्मू-कश्मीर व हरियाणा विधानसभा चुनाव का एलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पहले चरण की 24 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन 20 अगस्त से शुरू हो जाएगा।
वहीं दूसरे चरण की 26 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन 29 अगस्त से और तीसरे चरण की 40 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन पांच सितंबर से शुरू होगा। वहीं हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन पांच सितंबर से शुरू होगा। आयोग ने सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। साथ ही चुनाव के दौरान प्रत्याशियों सहित राजनीतिक दलों के सभी पदाधिकारियों को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की जानकारी भी दी।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव एक नजर
मतदान- तीन चरणों में- 18, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को।
मतगणना- चार अक्टूबर को
राज्य में विधानसभा की कुल सीटें- 90 (सामान्य- 74, एसटी-09 और एससी-07)
कुल मतदाता- 87.09 लाख (25 जुलाई, 2024 की स्थिति में)
मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन- 20 अगस्त
पुरुष मतदाता- 44.46 लाख, महिला मतदाता- 42.62 लाख।
पहली बार के मतदाता- 3,71 लाख (18-19 वर्ष आयुवर्ग)
कुल युवा मतदाता- 20.70 लाख (20 से 29 वर्ष आयुवर्ग)
हरियाणा विधानसभा चुनाव एक नजर
मतदान- एक चरण में- एक अक्टूबर
मतगणना- चार अक्तूबर
राज्य में विधानसभा की कुल सीटें- 90 (सामान्य- 73 और एससी-17)
कुल मतदाता- 2.01 करोड़ (दो अगस्त की स्थिति)
पुरुष मतदाता- 1.06 करोड़ और महिला मतदाता- 95 लाख
युवा मतदाता- 40.95 लाख (20 से 29 वर्ष आयुवर्ग)
पहली बार मतदाता- 4.52 लाख (18-19 वर्ष आयुवर्ग)
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन- 27 अगस्त
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इन चुनावों के बाद लोकतांत्रिक परंपरा जम्मू कश्मीर में मजबूती से कायम हो सकती है और हर व्यक्ति को मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर भी आसानी से प्राप्त होगा।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव उपरांत हर व्यक्ति को मुख्यधारा में शामिल होने का प्राप्त होगा अवसर
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