लखनऊ 24 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की लखनऊ और मेरठ टीम के छापे में राजकीय निर्माण निगम के पूर्व अपर परियोजना प्रबन्धक राजवीर सिंह की 100 करोड़ से ऊपर की सम्पत्ति पता चलने का दावा किया गया है। पहले दिन करीब 50 करोड़ रुपए की सम्पत्ति मिलने का खुलासा विजिलेंस ने किया था।
बीते मंगलवार देर रात तक कार्रवाई के दौरान तीन कम्पनियों का पता चला है। साथ ही गाजियाबाद में करोड़ों की जमीन के दस्तावेज मिले। कृषि योग्य ये जमीन राजवीर व उनकी पत्नी के नाम है। इसके साथ ही कई बैंक खातों व शेयर, म्युचल फंड का पूरा ब्योरा भी मिल गया है। विजिलेंस के अफसरों का कहना है कि राजवीर व उनकी पत्नी के नाम मिली सम्पत्ति एक अरब रुपए से ज्यादा की बताई जा रही है। पर, इसमें कई कीमतों का आंकलन | एजेन्टों ने किया है। इसका मूल्यांकन उनके सर्वेयर से कराया जा रहा है। | इसके बाद ही राजवीर सिंह और उनकी पत्नी के नाम की पूरी सम्पत्ति की वास्तविक कीमत पता चलेगी।
अलीगढ़ में आठ भूखंडों की रजिस्ट्री मिली
राजवीर सिंह के घर से गाजियाबाद में दो एकड़ कृषि योग्य जमीन के अलावा अलीगढ़ के आठ प्लाटों की रजिस्ट्रियां भी मिली हैं। इनकी कीमत का आंकलन कराया जा रहा है। इसके अलावा नोएडा में जो 1616 कमरों के 200-200 वर्गमीटर के दो हास्टल मिले हैं, उनकी रजिस्ट्री राजवीर सिंह व उनकी पत्नी के नाम ही है। इसी तरह 20 लाख रुपए की स्वाइल मशीन भी मिली है। पांच लाख किराया: विजिलेंस के अफसरों के मुताबिक नोएडा में मिले दोनों हास्टलों से सालाना करीब सवा पांच लाख रुपए किराया मिल रहा है। विजिलेंस को पूछताछ में पता चला कि एक हास्टल में 30 लोग रह रहे हैं। प्रति व्यक्ति नौ हजार लिए जा रहे हैं। यानी 30 लोगों से दो लाख 70 हजार किराया मिल रहा है। दूसरे हास्टल से करीब ढाई लाख किराया आता है।
राजवीर की कम्पनियों के दस्तावेज खंगाले जा रहे
डीजी राजीव कृष्ण के मुताबिक राजवीर सिंह के दिल्ली और नोएडा में कार्यालय, घर व काम्पलेक्स में पड़े छापे के दौरान मिले दस्तावेजों की पड़ताल कराई जा रही है। इस सम्बन्ध में राजवीर सिंह से भी पूछताछ की जाएगी। कई सम्पतियां उनकी पत्नी के नाम भी निकली है। नोएडा में व्यवसायिक क्षेत्र में 435 वर्ग मीटर जमीन में काम्पलेक्स मिला था।
तीन कम्पनियों का भी पता चला, दो पत्नी के नाम
काम्पलेक्स में एक बोर्ड लगा था जिस पर राजवीर सिंह के नाम रजिस्टर्ड कम्पनी एरीज वेलटेक का नाम लिखा हुआ था। अब इस कम्पनी के दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है पता किया जा रहा है कि इन कम्पनियों का कितने का टर्न ओवर था। यह भी देखा जाएगा कि कहीं ये कम्पनियां सिर्फ कागजों पर ही तो नहीं थी। दो कम्पनियां नोएडा टेस्ट होम और एआईआर नाम की मिली।