लखनऊ 16 मई। उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर असमंजस बना हुआ है. अभी ये तय नहीं है कि डीजीपी नई यूपी कैबिनेट से पास नियमावली से होगा या UPSC में पैनल भेजकर होगा, क्योंकि डीजीपी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मार्च में होने वाली सुनवाई टल गई है. वर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार आगामी 31 मई को रिटायर हो रहे है.उनके सेवा विस्तार की संभावना भी बनी हुई है.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या 3 साल बाद यूपी को स्थायी पुलिस मुखिया मिलेगा या नहीं? सीएम योगी के भरोसेमंद आईपीएस अफसर कुमार को सेवा विस्तार मिलेगा या फिर राज्य को मिलेगा नया डीजीपी? फिलहाल, प्रदेश सरकार की ओर से कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है.
11 मई, 2022 से उत्तर प्रदेश में अस्थाई डीजीपी तैनात किए जाते रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने 11 मई, 2022 को तत्कालीन डीजीपी मुकुल गोयल को हटा दिया था, उनकी जगह तत्कालीन डीजे इंटेलिजेंट डॉक्टर डीएस चौहान को अस्थाई डीजीपी बनाया गया था. उनके बाद 2 महीने के लिए आरके विश्वकर्मा को अस्थाई डीजीपी बनाया गया. उनके हटने के बाद विजय कुमार को चार्ज दिया गया. विजय कुमार के रिटायर होने के बाद प्रशांत कुमार को अस्थाई डीजीपी बनाया गया. 1 फरवरी 2024 से प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी हैं.
प्रशांत कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है. 2017-18 में उन्होंने पहली बार सुर्खियां बटोरीं जब कांवड़ यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की. मेरठ जोन के एडीजी रहते हुए उन्होंने अपराधियों पर सख्ती दिखाई. अतीक अहमद से लेकर मुख्तार अंसारी तक पर कार्रवाई के बाद वह ‘ठोक दो’ नीति के चेहरे के रूप में उभरे.
क्या मिलेगा एक्सटेंशन?
नियमों के मुताबिक, किसी भी डीजीपी को केंद्र सरकार की अनुमति से तीन महीने का सेवा विस्तार दिया जा सकता है. नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए यूपीएससी पैनल भेजती है. लेकिन अब तक यूपीएससी ने पैनल नहीं भेजा है. इसके अलावा राज्य सरकार डीजीपी चयन समिति का गठन करती है. समिति का भी गठन नहीं हुआ है. यूपी कैबिनेट में डीजीपी नियुक्ति पास गई नियमावली के अनुसार सीनियर आईपीएस अफसर में ऐसे अफसर का चयन किया जाएगा, जिनका रिकॉर्ड अच्छा हो साफ हो और रिटायर होने में 6 महीने की अवधि बाकी हो.
कौन है रेस में सबसे आगे?
उत्तर प्रदेश में डीजीपी की रेस में सबसे बड़ा नाम राजीव कृष्ण का है. 1991 बैच के अफसर और वर्तमान में डीजी विजिलेंस व यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष हैं. हालांकि वरिष्ठता सूची में वह 15वें स्थान पर हैं, लेकिन शीर्ष के कई अफसर रिटायर हो रहे हैं या केंद्र में तैनात हैं.
इसी महीने मई के अंत में तीन डीजी रैंक के अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इनमें डीजीपी प्रशांत कुमार के साथ डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री और डीजी टेलीकॉम संजय एम. तरड़े शामिल हैं. इसके बाद आईपीएस अफसरों की वरिष्ठता सूची में अहम बदलाव होगा, जिसके बाद संदीप सांलुके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा का नाम सूची में शीर्ष पर आ जाएगा.
इसके बाद एमके बशाल, तिलोत्तमा वर्मा, आलोक शर्मा, पीयूष आंनद और राजीव कृष्ण का नाम है. इनमें से दलजीत सिंह चौधरी, अतुल शर्मा और राजीव कृष्ण को डीजीपी के पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.