गाजियाबाद 13 दिसंबर। गाजियाबाद के साहिबाबाद पुलिस ने नाम और पता बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार करके 1,000 करोड़ से ज्यादा की जमीन पर कब्जा करने और बेचने के मामले में 10 हज़ार के इनामी वांछित गैंगस्टर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया है कि साहिबाबाद थाने में धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज कराए गए थे। अर्थला मेट्रो स्टेशन के पास एक काफी बड़ी जमीन खाली पड़ी थी। जिसको बेचने के लिए एक शातिर गैंग ने काम करना शुरू कर दिया था। मुजफ्फरनगर के अबूपुरा के निवासी राजकुमार गर्ग ने उस जमीन पर फर्जी तरीके से आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट बनवाए। यहां तक कि बैंक अकाउंट भी खुलवा लिया।
पुलिस ने राजकुमार गर्ग को गिरफ्तार कर पूछताछ किया तो पता चला कि राजकुमार गर्ग ने 1,000 करोड़ की जमीन को हड़पने के लिए प्लान बनाया था। राजकुमार गर्ग 18 साल पहले गाजियाबाद में किराए के मकान में रहने के लिए आया था और छोटी-मोटी प्रॉपर्टी डीलिंग किया करता था। उसने देखा कि अर्थला की मेन रोड पर करोड़ों रुपए की जमीन खाली पड़ी हुई है। उसी समय से वह जमीन के पीछे लग गया। उसने पता लगाया कि यह जमीन राजकुमार अग्रवाल नाम के शख्स की है। जिसके बाद राजकुमार गर्ग ने राजकुमार अग्रवाल के एड्रेस को लेकर कागजात तैयार करवाए और जमीन का सौदा शुरू कर दिया।
पुलिस ने बताया है कि आरोपी ने अब तक 10 से ज्यादा लोगों से उस जमीन का सौदा तय किया और उन लोगों से एडवांस पैसा लेकर फोन नंबर और पता भी बदल लिया करता था। गाजियाबाद पुलिस लगातार राजकुमार गर्ग की तलाश में लगी हुई थी। साहिबाबाद पुलिस ने उस पर 10,000 का इनाम भी घोषित कर रखा था।
पुलिस ने बताया कि राजकुमार अग्रवाल दिल्ली के बड़े कारोबारी हैं। उन्होंने कई साल पहले अर्थला में जमीन खरीदी थी। जमीन बहुत बड़ी है इसलिए वह अभी तक खाली पड़ी हुई है। आज की सरकारी रेट के हिसाब से उस जमीन की कीमत 1,000 करोड़ से ज्यादा है। इस मामले में चार आरोपियों को पहले भी गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। राजकुमार गर्ग की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे थे। राजकुमार गर्ग के खिलाफ 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं।
इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि उनके पास एक सीबीआई के अधिकारी का फोन आया कि आपने जमीन का सौदा किया है और हमें जमीन का कब्जा दिलाया जाए। एक करोड़ रुपए टोकन अमाउंट भी दिया जा चुका है। इसके अलावा जमीन के असली मालिक को कई अन्य प्रॉपर्टी डीलरों के भी फोन आए। जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई।