नई दिल्ली 19 सितंबर। सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में करोल बाग के बापा नगर इलाके में बुधवार सुबह पांच मंजिला मकान के चार फ्लोर भरभराकर गिर गए। धमाके की आवाज के बाद पड़ोसी भागे तो चार मंजिला मकान मलबे में तब्दील हो चुका था। हादसे के समय मकान के पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल पर मौजूद कारखाने के 18 मजदूर मलबे में दब गए। शोर-शराबे के बीच पड़ोसियों ने मामले की सूचना पुलिस व दमकल विभाग को दी। मकान गिरने की खबर मिलते ही पुलिस, दमकल विभाग, कैट्स एंबुलेंस के अलावा एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई। प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से मिलकर मलबा हटाने का काम शुरू किया। बाद में मलबे से एक-एक कर 18 लोगों को निकाला गया। जिसमें से चार लोगों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
डीसीपी एम हर्षवर्धन ने बताया कि मृतकों की पहचान अमन (12), मुकीम (25), मुजीब (18) और मोहसिन (26) के रूप में हुई है। ये सभी यूपी के रामपुर जिले के खातानगर गांव के रहने वाले हैं। मुकीम, मुजीब और मोहसिन महिलाओं की चप्पल बनाने का काम करते थे। वहीं मृतक अमन काम सीखने के लिए आए थे। डीसीपी ने बताया कि एमसीडी को प्रभावित क्षेत्र से मलबा हटाने के लिए कहा गया है, क्योंकि बचाव अभियान समाप्त हो चुका है। इस बाबत प्रसाद नगर थाने में बीएनएस की धारा 106, 290 के तहत केस दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसके आधार पर आगे ऐक्शन लिया जाएगा।
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने करोल बाग में बिल्डिंग गिरने के हादसे के घायलों से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जाकर मुलाकात की और दिल्ली सरकार की ओर से हर जरूरी मदद का आश्वासन दिया। मंत्री आतिशी ने कहा कि करोल बाग में बिल्डिंग के गिरने से उसमें रहने वाले काफी लोग दब गए। इस बिल्डिंग से 15-16 लोगों को रेस्क्यू किया गया, जिनका इलाज राम मनोहर लोहिया अस्पताल और कुछ लोगों का इलाज लेडी हार्डिंग अस्पताल में चल रहा है।
उन्होंने कहा कि ये बेहद दुःखद है कि इस हादसे में चार लोगों की मृत्यु भी हो गई है। दिल्ली सरकार की ओर से मृतकों और घायलों के परिवारों को और पूरा सपोर्ट दिया जाएगा। दिल्ली सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों की 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और घायलों को नियमानुसार सहायता राशि दी जाएगी।
आतिशी ने कहा कि बिल्डिंग के मालिक पर कानूनी कारवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसे लेकर मैं लगातार मेयर से संपर्क में हूं कि बिल्डिंग विभाग और अन्य संबंधित अधिकारी जिनकी ये जिम्मेदारी ये सुनिश्चित करना था कि भवन उपनियम का पालन किया जाए, उन्हाेंने कहा कि अगर पालन नहीं किया गया है तो उन पर सख्त से सख्त कारवाई की जाए।