asd जयंत चौधरी अपने दादा के जमाने और अपने समय के नेता और कार्यकर्ताओं को जोड़े रखने व सम्मान देने में है सफल, नरेन्द्र खजूरी व डा0 राजकुमार सांगवान है इसके प्रतीक

जयंत चौधरी अपने दादा के जमाने और अपने समय के नेता और कार्यकर्ताओं को जोड़े रखने व सम्मान देने में है सफल, नरेन्द्र खजूरी व डा0 राजकुमार सांगवान है इसके प्रतीक

0

कहते है कि राजनीति में पुराने लोगों का ध्यान नहीं रखा जाता नये लोग आते है और अपना वर्चस्व कायम कर पुरानों को भूल जाते है। अगर ध्यान से सोचे तो यह गलत भी नहीं है। जब से देखा है कि कम या ज्यादा सभी दलों में ऐसा ही देखने व सुनने को मिलता रहा है। मगर नरमपंथी और साम्प्रदायिक सौहार्द्र व भाईचारे के पक्षधर रहे बड़े राजनेताओं में सुमार डा0 मैराजुद्दीन को अपने से जोड़े रखने में क्यों कामयाब नहीं रहे यह तो डा0 मैराज व जयंत चौधरी ही जान सकते है। लेकिन यह जरूर कहा जा सकता है कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री जयंत चौधरी पार्टी के नये पुराने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने उन्हें सम्मान देने में सफल है। क्योंकि बीते लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने दादा पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह जी के कार्यकाल में उनके कार्यकर्ता के रूप में काम करने वाले जमीन से जुड़े डा0 राजकुमार सांगवान को अपने परिवार की कर्म और राजनीति भूमि के चुनाव क्षेत्र बागपत से लड़ाकर लोकसभा में भेजा। और अब भले ही बीते यूपी चुनाव में कैन्ट से विधानसभा चुनाव लड़ी पूर्व विधायक की बेटी मनीषा अहलावत को पार्टी की महिला शाखा का बड़ा पद दिया और अब यूपी महिला आयोग का सदस्य भी बनबाया गया तो जनमानस के नेता रहे स्वर्गीय चौधरी साहब के समय से जमीनी राजनीति करते हुए रालोद की मजबूती और इसके कार्यकर्ताओं को जोड़े रखने हेतु संघर्षरत रहे नरेन्द्र खजूरी को एससी-एसटी आयोग का सदस्य बनवाकर उपकृत किया गया। इसी प्रकार से वो अन्य पुराने कार्यकर्ताओं व नेताओं में तालमेल बैठाये रखने में काफी सफल हो रहे है।
राजकुमार सांगवान व नरेन्द्र खजूरी को जो सम्मान उन्होंने दिया उससे कार्यकर्ताओं का हौंसला व उत्साह बढ़ेगा और यह विश्वास मजबूत होगा कि देर सवेर अगर पार्टी की मुख्य धारा में जुड़े रहे तो उनका भी समय बदलेगा। और राजनीति में जो हर व्यक्ति की इच्छा होती है उसके तहत सम्मानजनक पद पर काम करने का अवसर भी मिल सकता है।
जहां तक श्री नरेन्द्र खजूरी जी की बात है तो मेरे पिता रवि कुमार बिश्नोई इनके बारे में जितना बताते है उसके हिसाब से वो शुरू से ही सरल स्वभाव के मृदुभाषी सबको साथ लेकर चलने और बड़े छोटे में तालमेल बनाने के साथ ही अपनी विश्वसनीयता पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं में बनाये रखने में सफल रहे है। जैसा देखा है रालोद का ही नहीं किसान मजदूरों व जनसमस्याओं के समाधान को लेकर जितने भी बड़े छोटे आंदोलन होते रहे है उनमें से ज्यादातर में श्री नरेन्द्र खजूरी द्वारा रालोद का प्रतिनिधित्व पूरे मान सम्मान के साथ किया जाता रहा है। शायद यही कारण है कि नरेन्द्र खजूरी को एसटीएस आयोग का सदस्य बनाये जाने एवं डा0 राजकुमार सांगवान लोकसभा में भेजे जाने से रालोद के नेता और कार्यकर्ताओं के अतिरिक्त अन्य दलों में सक्रिय नागरिकों में भी रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के प्रति आर्कषण व सम्मान बढ़ा है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि नरेन्द्र खजूरी को मिली जिम्मेदारी रालोद के नये पुराने कार्यकर्ता अपना सम्मान समझ रहे है।
(प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महासचिव व मजीठिया बोर्ड यूपी के पूर्व सदस्य)

Share.

Leave A Reply

sgmwin daftar slot gacor sgmwin sgmwin sgm234 sgm188 login sgm188 login sgm188 asia680 slot bet 200 asia680 asia680 sgm234 login sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin asia680 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgm234 sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin sgmwin ASIA680 ASIA680