Date: 22/11/2024, Time:

डकैत मंगेश यादव के एनकाउंटर पर गरमाई सियासत, घर पहुंचे सपा नेता

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लखनऊ 07 सितंबर।  उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर डकैती के कथित आरोपी मंगेश यादव पुलिस एनकाउंटर के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने फोन कर परिजन से हाल जाना। फोन पर बात करते हुए अखिलेश यादव के तेवर सख्त नजर आ रहे थे। उन्होंने फोन पर ही पूछ लिया कि वहां डीएम और एसपी हैं कि नहीं। वहां का हाल जानकर अखिलेश यादव गुस्से में लग रहे थे।
मंगेश यादव का शव बक्शा थाना क्षेत्र के अगरौरा पहुंचा तो अखिलेश यादव ने अपनी टीम गांव में भेज दी। शुक्रवार को सपा नेताओं ने परिजन से मिलकर मंगेश यादव के बारे में पता किया। घटना को लेकर परिजन से बातचीत की। इस दौरान सामने आया कि मंगेश यादव को पुलिस ने पूछताछ के लिए सोमवार की देर रात ही घर से उठा लिया था। इसके बाद उसका एनकाउंटर किया गया। अब समाजवादी पार्टी मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज कराने की बात कर रही है।

वहीं अखिलेश यादव ने भी गांव में कॉल किया। गुरुवार रात 8 बजे उनका कॉल आते ही सभी उनकी बात सुनने के लिए जुटने लगे। अखिलेश यादव ने फोन पर ही पूछ लिया कि कनपटी पर गोली सटा कर मारी गई है या दूर से। इस पर जवाब मिला कि चेहरा इतना वीभत्स हो गया है कि देखते नहीं बन रहा है। बताया गया कि मंगेश तो 28 अगस्त को अपनी बहन प्रिंसी यादव के साथ फीस जमा करने के लिए कॉलेज गया था। बीते सोमवार को ही उसे घर से पुलिस वाले उठा ले गए थे।

सुलतानपुर में सर्राफ के यहां डकैती के आरोपित मंगेश यादव के एनकाउंटर पर माहौल गरमाया हुआ है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर पर कई सवाल उठाए हैं। गुरुवार को उन्होंने दावा किया कि दो दिन पहले जिसे उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक सटाकर गोली मारकर हत्या की गई, अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है। इस संगीन शासनीय अपराध का सुप्रीम कोर्ट तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले कि सबूत मिटा दिए जाएं। इतना ही नहीं, अखिलेश ने गुरुवार को ‘X’ पर लिखा कि लगता है सुलतानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपित’ से संपर्क साधकर सरेंडर करवा दिया गया। अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और ‘जात’ देखकर जान ली गई। नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली कानून-व्यवस्था है।

अखिलेश यादव इस एनकाउंटर केस के जरिए एक तीर से कई निशाने साध रहे हैं। लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित अखिलेश अब साल 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में भी अपने पीडीए-प्रयोग के साथ उतरना चाहते हैं। इसकी भूमिका लिखनी उन्होंने अभी से शुरू कर दी है। सुलतानपुर एनकाउंटर को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधना उनकी इसी रणनीति की एक कड़ी है। जिस व्यक्ति का एनकाउंटर हुआ उसका नाम मंगेश यादव है। इसे लेकर अखिलेश ने दावा किया है कि योगी सरकार जाति देखकर एनकाउंटर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सपक्षीय लोगों के पैरों पर गोली मारी गई जबकि मंगेश यादव की जान जात देखकर ली गई है। अखिलेश बार-बार जाति पर इसीलिए जोर डाल रहे हैं ताकि योगी सरकार को पीडीए यानी कि पिछड़ा-दलित और अल्पसंख्यक विरोधी घोषित कर सकें।

योगी सरकार लगातार दावा करती है कि वह अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। लोगों के बीच भी बार-बार यह मैसेज देने की कोशिश करती है कि सपा सरकार में जहां कानून व्यवस्था ध्वस्त थी, वहीं उनकी सरकार में अपराधी या तो जेल में हैं या प्रदेश छोड़कर चले गए हैं। हालिया विधानसभा चुनाव में अपने इस दावे के आधार पर योगी ने खूब वोट बटोरे थे। अब मंगेश यादव एनकाउंटर के जरिए अखिलेश उनके इस दावे की पोल खोलने की कोशिश में जुटे हैं। अपने आरोपों में वह बार-बार इस बात को रेखांकित कर रहे हैं कि योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई कर रही है।

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