asd बुलंदशहर डाकघर अधीक्षक ने की आत्महत्या, मरने से पहले एसएसपी के नाम लिखा सुसाइड नोट

बुलंदशहर डाकघर अधीक्षक ने की आत्महत्या, मरने से पहले एसएसपी के नाम लिखा सुसाइड नोट

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अलीगढ़, 21 अगस्त। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में प्रधान डाकघर के अधीक्षक ने आज सुबह गोली मारकर आत्महत्या कर ली। अलीगढ़ स्थित अपने आवास पर उन्होंने खौफनाक कदम उठाया। खुदकुशी से पहले उन्होंने अलीगढ़ के एसएसपी के नाम सुसाइड नोट भी लिखा है। इसमें उन्होंने कई लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाया है। पुलिस जांच में जुटी है।
जानकारी के अनुसार, बुलंदशहर में तैनात डाक विभाग के अधिकारी टीपी सिंह ने अलीगढ़ के बन्नादेवी के सुरक्षा विहार स्थित अपने आवास पर बुधवार सुबह खुदकुशी कर ली। उन्होंने खुद को अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली मार ली। पुलिस मौके पर जांच में जुटी है।

डाक अधिकारी मूल रूप से लोधा के गांव अकराबत के रहने वाले थे। इस दौरान का सुसाइड नोट भी एसएसपी के नाम लिखकर छोड़ा है। जिसमे कई लोगो के नाम खोले हैं। उनको ही इसके लिए जिम्मेदार बताया है।

बुलंदशहर के प्रधान डाकघर में गत मंगलवार को सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने जांच की। टीम ने वर्ष 2016 से अब तक के कर्मचारियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच की। विभाग के एक सेवानिवृत्त कर्मी ने कई अन्य कर्मियों के भ्रमण भत्ते का बिल पास न करने के मामले में शिकायत के बाद जांच टीम आने की बात कही। विभागीय अधिकारी इसे सीबीआई की जगह विजिलेंस टीम बता नियमित ऑडिट करने की बात कह रहे हैं। नगर के प्रधान डाकघर में गत मंगलवार दोपहर सीबीआई की टीम पहुंची और डाक अधीक्षक कार्यालय में मौजूद कर्मियों से पूछताछ शुरु की। इस दौरान टीम के साथ आए सुरक्षाबलों ने कार्यालय को अपने कब्जे में ले लिया। रात करीब नौ बजे तक भी टीम शाखा डाकपाल पदों पर हुई नियुक्तियों, लीप टूर कन्वेंस (एलटीसी-डाकघर में छुट्टियों के दौरान प्रत्येक वर्ष कर्मचारियों को मिलने वाले भ्रमण भत्ते), गबन, चार्जशीट संबंधी फाइल खंगालती रही। विभाग के सेवानिवृत्त कर्मी बनवारीलाल ने बताया कि भ्रमण भत्ते का बिल पास नहीं हुआ। कई बार मांग करने पर रिश्वत की मांग की गई। रिश्वत मांगे जाने पर इसकी शिकायत सीबीआई कार्यालय में की।

बता दें कि शिकायतकर्ता 31 मार्च 2022 को सेवानिवृत्त हुए। वहीं, करीब पांच लाख रुपये के बिल पास न करने पर शिकायत की बात कही। सिकंदराबाद डाककर्मी सतीश का आरोप है कि डाक अधीक्षक ने निर्धारित से अधिक गांव में डाक वितरण करवाने के बाद अतिरिक्त भुगतान की धनराशि का आधा हिस्सा रिश्वत के तौर पर मांगा।

इस संबंध में उच्च अफसरों से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोप है कि डाक अधीक्षक बिना रिश्वत के कोई कार्य नहीं करते हैं। विभागीय कर्मियों का भी कहना है कि टीम एक घोटाले की जांच करने आई है। लेकिन विभागीय अफसर इसे नियमित ऑडिट करना बता रहे हैं। फाइलों की जांच टीम पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी।

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