नई दिल्ली 23 जनवरी। रक्षा बजट में इस बार तकरीबन 10-12 फीसदी की बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं तथा इसका आकार साढ़े छह लाख करोड़ के पार होने की उम्मीद है। वर्ष 2023-24 के दौरान 5.94 लाख करोड़ रक्षा बजट के लिए दिए गए थे। इस बार रक्षा बजट में अग्निपथ योजना के लिए आवंटन में खासी बढ़ोत्तरी की उम्मीद है क्योंकि तीनों सेनाओं में यह योजना अब अच्छी तरह से चलने लगी है तथा अग्निवीरों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
यह बजट सरकार के लिए भी चुनौतीपूर्ण
आम चुनावों के चलते हालांकि एक फरवरी को हालांकि अंतरिम बजट ही पेश होगा, लेकिन रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी साफ नजर आएगी। सूत्रों के अनुसार सेना के आधुनिकीकरण, पेंशन और अग्निपथ योजना के बजट पर विशेष रूप से बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। यह बजट सरकार के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। एक तरफ उसे लोक लुभावन योजनाओं पर ध्यान केंद्रीत करना है तो दूसरी तरफ रक्षा की जरूरतें भी पूरी करने का दबाव रहेगा।
पेंशन के बजट में फिर बढ़ोत्तरी के आसार
सेनाओं में संशोधित वन रेंक वन पेंशन योजना के लागू होने से पेंशन के बजट में फिर बढ़ोत्तरी के आसार हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान यह 1.38 लाख करोड़ रुपये है जो इस बार 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। क्योंकि ओआरओपी में संशोधन के बाद पेंशनार्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इसी प्रकार अग्निपथ का मौजूदा बजट 4266 करोड़ है जिसमें तकरीबन 25 फीसदी का इजाफा होने की संभावना है।
आधुनिकीकरण के बजट पर विशेष ध्यान
आधुनिकीकरण के बजट में भी 10-15 फीसदी की बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। मौजूदा वर्ष के दौरान यह 1.62 लाख करोड़ है। पिछली बार रक्षा आधुनिकीकरण की बजट में करीब दस हजार करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई थी लेकिन रक्षा विशेषज्ञों ने चीन और पाकिस्तान की चुनौतियों के मद्देनजर कम बताया था। इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि आधुनिकीकरण के बजट पर विशेष ध्यान वित्त मंत्री का रहेगा।
ओआरओपी के एरियर का होना है भुगतान
रक्षा सूत्रों के अनुसार पेंशन के बजट में बढ़ोत्तरी लगातार चुनौती बनी हुई है। दरअसल, हर साल बजट में जो बढ़ोत्तरी होती है, उसका एक बड़ा हिस्सा पेंशन के मद में चला जाता है। जैसे पिछले साल रक्षा बजट में 69 हजार करोड़ की कुल बढ़ोत्तरी हुई थी, लेकिन 19 हजार करोड़ रुपये की सीधी बढ़ोत्तरी पूर्व सैनिकों के पेंशन के मद में चली गई थी। उससे पूर्व पेंशन का आवंटन 1.19 लाख करोड़ था। यह चुनौती इस बार भी है क्योंकि, ओआरओपी के एरियर का भुगतान होना है। पेंशन भी बढ़ चुकी है। अब देखना यह है कि वित्त मंत्रालय कैसे रक्षा बजट के विभिन्न मदों में सामंजस्य बिठाता है।