Date: 22/11/2024, Time:

चर्चा है मेरठ में चल रही सॉस-अचार-मेयोनीज आदि की अवैध फैक्ट्रियां, टमाटर सॉस में मिलाया जा रहा है कद्दू, टमाटर की चटनी मैंगी पीजा सामग्री के उत्पादन आदि की भी जो जांच

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बच्चे हो या बड़े हर खाद्य सामग्री के साथ सॉस और बाजार में बनी चटनी खाने के बहुत शौकिन हो गये है। और यह स्वाद बढ़ता ही जा रहा है। कौन क्या और कैसे खायेगा यह तो हर व्यक्ति की अपनी मर्जी है। लेकिन नागरिकों की स्वाद की बढ़ती वृत्ति का लाभ जो इन वस्तुओं के निर्माता टमाटर की सॉस में कददू आदि मिलाकर अंधाधूध पैसा कमाने की दौड़ में भाग रहे है उनकी इस प्रवृत्ति और खाद्यय सामग्री की शुद्धता बनाये रखने के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों को जनहित में शासन की नीति के तहत अब कदम उठाने चाहिए। आज इस संदर्भ में एक सज्जन का यह कथन बड़ा सही प्रतीत हुआ कि पांच या दस रूपये किलो के टमाटर कंपनियां तो टोम्टो सॉस में लगा सकती है। लेकिन 60 से 100 तक की कीमत के टमाटर लगाना और पुरानी दरों में ही सॉस बेचना तो संभव नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि तो फिर क्या लगा रही होंगी। तो उनका स्पष्ट कहना था कि टमाटर की जगह कद्दू और ऐसी ही सब्जियों का प्रयोग किये जाने से इनकार नहीं किया जा सकता।
आम आदमी को कंपनियां क्या खाद्यय सामग्री उपलब्ध करा रही है उनमें किस किस चीज का कितना अंश शामिल है तथा उनका उत्पादन डेट और एक्सपाईरी डेट पैकेट छोटा हो या बड़ा जो भी उस पर लिखना अनिवार्य कर चुकी है। क्योंकि हर नागरिकों को स्वस्थ रखने के लिए प्रयासरत सरकार का यह मानना है कि नागरिक क्या खा रहे है उन्हें यह पता होना चाहिए। इसका भी पूर्ण रूप से पालन आदि कंपनियां शायद नहीं कर रही है। इस बारे में थोड़ी गलती उपभोगताओं की भी है कि वो डिब्बा या पैकेट को चेक नहीं कर रहे है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों आदि को इन उत्पादक कंपनियों का आस्मिक निरीक्षण कर महीने में कम से कम एक बार उसका सैंपल लेने के अतिरिक्त वहां की शुद्धता व उपयोग की जा रही सामग्रियों की जांच अवश्य की जानी चाहिए।
आजकल सोशल मीडिया के डिजीटल मंचों पर मौजूद जागरूक और उत्साही नागरिकों द्वारा जो टमाटर सॉस मैगी पेय पदार्थ आदि को लेकर जो जानकारियों साझा की जा रही है उन पर अगर चला जाए तो इन उत्पादों की कंपनियां ही बंद हो जाएगी। मगर जब भरपूर पैसा उपभोगता दे रहा है तो शुद्धता बनी रहे यह तय करना भी सरकार का काम है। गूगल पर ऐसे तमाम वीडियो प्रचलित है। जिन्हें देखकर खासकर समझदार बच्चे और युवा इन उत्पादों की कमियां दूर कराने का काम कर सकते है। हम भी जब एक सर्वे गहनता से कर सॉस चटनी मैंगी अचार मेयोनीज पीजा सामग्री और पेय पदार्थों के बारे में समय समय पर उपभोगताओं को जागरूक करने व अवगत कराने का प्रयास करेंगे। पीजा और इन चीजों के शौकीन नागरिक खासकर युवाओं से आग्रह है कि अगर इनसे संबंध कोई कमियां अगर नजर आती है तो वो जनहित में ताजाखबर के ईमेल बेवसाइट tazzakhabaronline@gmail.com पर डाल सकते है। और संबंधित जनपद के जिलाधिकारी अथवा अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों को अवगत कराकर घटिया सामग्री तो खाने व बिकने की व्यवस्था पर रोक लगवा सकते है।
(प्रस्तुतिः अंकित बिश्नोई सोशल मीडिया एसोसिएशन एसएमए के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सदस्य मजीठिया बोर्ड यूपी)

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