18वीं लोकसभा चुनाव के उपरांत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल का गठन और विभागों का बंटवारा होने के उपरांत प्रमुख विपक्षी दल और इंडिया गठबंधन का प्रमुख हिस्सा कांग्रेस के संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी जी को चुन लिया गया। और आप सहित गठबंधन के अन्य दल भी अपनी अपनी पार्टी का नेता चुन रहे है।
अब लोकसभा में जैसे की चर्चा चल रही है विपक्षी नेता के पद पर श्री राहुल गांधी का हर दृष्टिकोण से चुना जाना तय है। क्योंकि यह जीते सांसदों की संख्या के चलते भी उनका अधिकार है। इसलिए यह कहा जा रहा है कि राहुल गांधी ही बनेंगे विपक्ष के नेता। मेरा मानना है कि इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष का पद तो भाजपा के पास ही रहना है मगर उपाध्यक्ष पद पर जो विपक्ष को मिलना चाहिए उस पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा समाजवादी पार्टी सपा के हिस्से में आना चाहिए और जिसे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद अखिलेश यादव चाहे या उन्हें उपाध्यक्ष के रूप में इंडिया गठबंधन के सभी दलों को प्रस्तावित करना चाहिए। क्योंकि किसी भी दृष्टिकोण से देख तो अगर विपक्ष को लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मिलता है तो उसके लिए समाजवादी पार्टी ही सबसे मजबूत और सक्षम है और गठबंधन के लोगों को निर्विरोध रूप से श्री अखिलेश यादव से चर्चा कर उपाध्यक्ष पद के लिए किसी सपा सांसद का नाम घोषित करना चाहिए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ )
लोकसभा में राहुल गांधी विपक्ष के नेता तो सपा को मिलना चाहिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद
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