पुलिस को आशंका है कि कार भी चोरी की है. पुलिस ने पीड़ित भजनलाल उर्फ राम भजन मद्धेशिया की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है. सूत्रों के अनुसार, कुसम्ही बाजार निवासी भजनलाल सिंघड़िया का कुसम्ही में दो मंजिला मकान है. मकान के ऊपरी मंजिल पर एक सिपाही अनिल गुप्ता किराए पर रहते हैं.अनिल वर्तमान में लाइनहाजिर हैं. वह पहले जगदीशपुर चौकी पर तैनात थे.
सुबह करीब आठ बजे चार लोग कार से भजनलाल के घर पहुंचे. खुद को आयकर अधिकारी बताया और कहा कि तुम्हारे खिलाफ शिकायत है. हमे घर की तलाशी लेनी है. जालसाज भजनलाल को कार्ड दिखकर दबाव में लेना शुरू कर दिए. ये सब चल ही रहा था कि तबतक किरायेदार सिपाही अनिल गुप्ता वहां आ गए. उन्हें शक हुआ और पूछताछ शुरू की. उन्होंने कहा कि हम स्थानीय पुलिस को बुला रहे हैं फिर जांच करिए. दोनों तरफ से बहस शुरू हुई, तब सिपाही ने कहा कि थाने चलिए, वहीं बात होगी. थाने चलने की बात ने स्थित को बदल दी. जालसाज बैकफुट पर आ गए और सिपाही से कुछ ले देकर मामला मैनेज करने की बात करने लगे.
इसी बीच सिपाही अनिल ने जगदीशपुर चौकी पुलिस को फोन कर दिया. कुछ देर में ही चौकी से दरोगा प्रमोद कुमार मौके पर पहुंच गए. इस दौरान एक जालसाज मौके से फरार हो गया, जबकि तीन लोग पकड़ लिए गए. पुलिस सभी को कार सहित थाने ले गई. पूछताछ में पता चला कि पकड़ा गया एक जालसाज बिहार तो एक गाजियाबाद का निवासी है. इन लोगों का एक ग्रुप है जो अलग अलग जिलों में जाकर आयकर अधिकारी बनकर जांच कर पैसा वसूलता है.
जालसाजों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वे अक्षय कुमार की फ़िल्म ‘स्पेशल 26’ से मोटिवेट थे. फिल्म की ही तरह अलग अलग किरदार में आकर जगह जगह जालसाजी करते थे. इस तरह की अबतक दर्जनों वारदात को अंजाम दे चुके हैं.
पकड़े गए आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी राजेश, बिहार निवासी उजेन्द्र पांडेय व नोएडा खोड़ा कालोनी नवाजिश अली के रूप में हुई है. इनका ऑफिस दिल्ली में है. ये अन्य प्रदेशों में कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. इनमें से राजेश कुमार अधिकारी बनता है. वह मूल रूप से गोरखपुर के महादेवा बाजार निवासी है. थाने पर आए राजेश के भाई ने बताया कि वे लोग दिल्ली में रहते हैं. मैं व मेरा भाई इनकम टैक्स विभाग दिल्ली में गाड़ी किराए पर देते हैं, जिसका मंथली पैसा मिलता है. कई बार अधिकारियों को अपनी गाड़ी में बैठाकर राजेश ले जाता है. ऐसे में इनकम टैक्स विभाग के लोगों से परिचय हुआ और धीरे-धीरे उनके हाव-भाव व काम करने का तरीका सीख लिया. उसके बाद यह लोग फर्जी आयकर अधिकारी का कार्ड बनवाकर घटना को अंजाम देने लगे. गाड़ी बिहार के उजेन्द्र पांडेय की है.