हमेशा भ्रष्टाचार काम में लापरवाही समाप्त करने और जनसमस्याओं के समाधान करने के निर्देश सरकारी नौकरशाहों को देने वाले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश के जिलों में तैनात लापरवाह अफसरों की कार्यप्रणाली की रिपोर्ट तलब की गई है। समझा जाता है कि आने के बाद कई जिलों में सरकारी बाबुओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
मुख्यमंत्री जी यह प्रयास काफी सराहनीय है क्योंकि कुछ निरंकुश छोटे बड़े बाबुओं की कार्यनीति जनता की परेशानी का कारण तो बन ही रही है उन्हें जनहित की जो योजनाएं है उनका लाभ भी नहीं मिल रहा है और शहरों के सुनियोजित विकास तथा कानून व्यवस्था दुरूस्त करने में जो लापरवाही हो रही है सीएम के इस कदम से उसमें कमी आएगी और सत्ता के गलियारों में अपनी पकड़ बताकर काम ना करने वाले अधिकारियों पर भी अंकुश लगेगा।
मुख्यमंत्री जी जो निर्णय आप ले रहे हैं वो सही है लेकिन अगर आम नागरिकों को भ्रष्टाचार मुक्त माहौल विकास और सफाई के लिए जो पैसा आए वो उसी काम में लगे और प्रदेशवासी स्वच्छ माहौल में सांस ले सके तो मेरा मानना है कि स्थानीय निकायों के अफसरों की कार्यप्रणाली की जानकारी करने के साथ ही नगर निगमों नगर पालिका में जो भ्रष्टाचार होने फर्जी बिल बनवाकर भुगतान करने और सफाई के मद का पैसा अपने हिसाब से उपयोग करने की जो खबरें पढ़ने सुनने को मिलती है उन्हें ध्यान में रखकर मेरठ नगर निगम सहित सभी निगमों में पिछले दो साल में जो भ्रष्टाचार की शिकायतें आई और खबरें छपी उन्हीं को माध्यम बनाकर नगर आयुक्तों से जवाब तलब किया जाए कि भ्रष्टाचार में लिप्त विभागों के अधिकारियों और सफाई का काम ना निपटवाने के लिए जिम्मेदार निकायों के अधिकारियों के साथ साथ जिन नगर निगमों में बड़े भ्रष्टाचार खुलकर सामने आए हैं और अफसरों ने मिलीभगत कर सरकारी जमीने बेंच दी नालों की सफाई का पैसा खुर्दबुर्द किया गया हो अगर वो दोषी नजर आते हो तो उन पर कार्रवाई से ही शुरूआत की जाए क्योंकि जब तक दो चार भ्रष्ट विभागों के छोटे बड़े अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक नजारत में भ्रष्टाचार में पकड़े लोगों की फाइलें दबी रहेंगी। सरकार की जो मंशा है वो पूरी ना होने से लोकसभा के जो परिणाम सामने आए वैसे आगे भी आते रहेंगे। पिछले दिनो नगर निगम मेरठ में महापौर ने बड़ा भ्रष्टाचार पकड़ा। मुझे लगता है कि विश्वसनीयता कायम रखने वाले कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं के माध्यम से इन विभागों की निगरानी कराई जाए। और उनकी रिपोर्ट पर जांच कराकर कार्रवाई की जाए।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
नगरायुक्त से हो जवाब तलब, मुख्यमंत्री जी भ्रष्टाचार और लापरवाही तो कुछ भ्रष्ट अफसरों के साथ साथ ही स्थानीय निकायों के बाबुओं की कार्यप्रणाली सुधारने से ही ?
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